वाशिंगटन : कोरोना महामारी के दौरान बदलते आर्थिक-सामाजिक और भू-राजनीतिक परिवेश के बीच दुनिया के कुछ शक्तिशाली देशों में वर्ष 2015 के दौरान हुए परमाणु समझौते की वार्ता को महत्वपूर्ण चरण में पहुंचने के बाद अमेरिका के जो बाइडन प्रशासन ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों में कुछ ढील देने का फैसला किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान और दुनिया के कुछ शक्तिशाली देशों के बीच हुए 2015 के परमाणु समझौते को बचाने के उद्देश्य से जारी वार्ता के एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने शुक्रवार को ईरानी परमाणु कार्यक्रम के लिए प्रतिबंधों में कुछ राहत बहाल की. अमेरिकी वार्ताकार इस अहम सत्र के लिए वियना गए हुए हैं.
इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरान की असैन्य परमाणु गतिविधियों से संबंधित कई प्रतिबंधों से छूट देने के लिए हस्ताक्षर किए. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन ने ये छूट समाप्त कर दी थीं. इन छूटों का उद्देश्य ईरान को 2015 के समझौते के पालन के लिए लुभाना है, जिसका वह उस वक्त से उल्लंघन कर रहा है, जब ट्रम्प 2018 में इस समझौते से पीछे हट गए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था.
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे ईरान को कोई रियायत दे रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि अन्य पक्षों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और यूरोपीय संघ (ईयू) को समझौते की वार्ता में शामिल करने के लिए छूट जरूरी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने ट्वीट किया, ‘हमने ईरान को प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है, हम ईरान के ‘संयुक्त व्यापक कार्य योजना’ (जेसीपीओए) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटने तक ऐसा नहीं करेंगे.’
उधर, ईरान का कहना है कि वह समझौते की शर्तों का सम्मान नहीं कर रहा है, क्योंकि अमेरिका ही पहले इससे अलग हो गया था. ईरान ने सभी प्रतिबंधों से राहत की बहाली की मांग की है. ट्रंप प्रशासन ने मई 2020 में ईरान के खिलाफ अपने अधिकतम दबाव अभियान के तहत छूटों को समाप्त कर दिया था और इसे सबसे खराब राजनयिक समझौता बताया था.
Also Read: IRANvsUS: प्रतिबंध से ईरान को हो रहा है बुरी तरह से नुकसान, परमाणु हथियार को लेकर ट्रंप ने कही ये बात
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जो बाइडन ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी को प्राथमिकता दी और उनके प्रशासन ने इस लक्ष्य पर काम किया. हालांकि, एक साल पहले उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से उस दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है. बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वियना वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए छूट को बहाल किया जा रहा है.