संयुक्त राष्ट्र : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि रूस ने यूक्रेन के साथ क्रूर और बेवजह युद्ध कर संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल सिद्धांतों का शर्मनाक तरीके से उल्लंघन किया है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यूक्रेन में आम नागरिकों के विरुद्ध किए गए रूस के अत्याचार की रूह कंपाने वाली खबरें आ रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आगे कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूरोप पर परमाणु हथियारों से हमले की नई धमकी से पता चलता है कि रूस परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने के बावजूद गैर-जिम्मेदाराना तरीके से उसके प्रावधानों की धज्जियां उड़ा रहा है. बाइडन ने कहा कि हम रूस के हमले के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े रहेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि हम सभी को यूक्रेन का समर्थन करना चाहिए. हमें ऐसा माहौल तैयार करना होगा, जिससे हम एक-दूसरे के दुश्मन न बन सकें. रूस ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन किया है. संयुक्त राष्ट्र को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस के साथ लड़ने में यूक्रेन की मदद की है.
इससे पहले, यूक्रेन के साथ करीब सात माह से जारी युद्ध में मिले झटकों के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख आरक्षित सैनिकों की आंशिक तैनाती की घोषणा की और इसे आवश्यक बताते हुए कहा कि रूस पूरी पश्चिमी सैन्य मशीनरी से लड़ रहा है. अधिकारियों ने बताया कि 3,00,000 ‘रिजर्विस्ट’ (आरक्षित सैनिक) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है. पुतिन ने टेलीविजन के जरिए देश को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे लहजे में पश्चिमी देशों से कहा कि रूस अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा और यह कोरी बयानबाजी नहीं है. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ हो जाएगी.
Also Read: रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद आज छह महीने के निचले स्तर से उछला सोना, कीमतों में आई तेजी
रिजर्विस्ट ऐसा व्यक्ति होता है, जो ‘सैन्य आरक्षित बल’ का सदस्य होता है. यह आम नागरिक होता है, जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर इसे कहीं भी तैनात किया जा सकता है. शांतिकाल में यह सेवाएं नहीं देता. यूक्रेन की सेना ने सितंबर महीने में बड़े पैमाने पर उन क्षेत्रों में पुन: कब्जा कर लिया है, जिन पर रूसी सैनिकों ने कब्जा कर लिया था.