अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) जापान में G-7 शिखर सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) से मुलाकात करेंगे. व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति के विदेश यात्रा पर रवाना होने की पूर्व संध्या पर यह जानकारी दी. राष्ट्रपति जो बाइडन की इस यात्रा की अवधि में कटौती की गई है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में स्ट्रेटेजिक कम्युनिकेशन कोऑर्डिनेटर जॉन किर्बी ने G-7 यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा- बाइडन को क्वाड के अन्य सदस्य देशों के नेताओं- भारत के प्रधानमंत्री मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज के साथ भी मुलाकात का अवसर मिलेगा.
जो बाइडन G-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा के लिए रवाना हुए. किर्बी ने कहा- जब से राष्ट्रपति ने कार्यभार संभाला है, हमारे अलायंस और पार्टनरशिप को पुनर्जीवित करना और दुनिया भर में अमेरिका के नेतृत्व को फिर से स्थापित करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहा है. उन्होंने कहा- आप देखेंगे कि हमारे सहयोगी और साझेदार पहले से कहीं अधिक एकजुट हैं. पिछले 15 महीनों में G-7 रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन के साथ एकजुटता से खड़ा है, यूक्रेन के समर्थन में दुनिया को एकजुट किया जा रहा है ताकि व्लादिमीर पुतिन को प्रमुख तकनीकों और दुनिया भर में फाइनेंसिंग से दूर किया जा सके.
किर्बी ने कहा- हम जलवायु संकट को दूर करने और अच्छे रोजगार पैदा करने के लिए राष्ट्रपति बाइडन के इकनोमिक एजेंडे को G-7 कार्रवाई के लिए एक खाका के तौर पर पेश करेंगे और साथ ही क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में तेजी लाने के लिए साहसिक कार्रवाई की आवश्यकता को बढ़ावा देंगे. हम दुनिया भर के विकासशील देशों का समर्थन करने के लिए आगे की कार्रवाई करने के लिहाज से एक सकारात्मक एजेंडा पेश करेंगे.
किर्बी ने कहा- हम वर्ल्ड बैंक जैसे संस्थानों की मदद करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करेंगे ताकि वे उन वैश्विक चुनौतियों का अधिक प्रभावी ढंग से समाधान कर सकें जो जलवायु परिवर्तन सहित गरीबी में कमी लाने के उसके मुख्य मिशन को सीधे प्रभावित करती हैं. राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मिलने का अवसर भी होगा, जहां वे सम्मेलन से इतर साझा सुरक्षा, आर्थिक, बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करेंगे और निश्चित रूप से जापान के साथ हमारे गठबंधन को बेहतर बनाने के तरीकों की तलाश करेंगे.