अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में आज शपथ लेंगे जो बाइडेन, सामने होंगी 10 चुनौतियां

America's 46th President, Joe Biden, challenges : वाशिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन आज बुधवार को 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हरा कर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन भले ही पहली लड़ाई जीत ली है, लेकिन उनकी चुनौतियां अब भी कम नहीं हुई हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2021 10:14 AM
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वाशिंगटन : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन आज बुधवार को 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे. राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को हरा कर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन भले ही पहली लड़ाई जीत ली है, लेकिन उनकी चुनौतियां अब भी कम नहीं हुई हैं.

जो बाइडेन के शपथ के बाद उनके समक्ष कई चुनौतियां होंगी. व्हाइट हाउस के नवनियुक्त वरिष्ठ अधिकारी जॉन क्लेन के मुताबिक, कोविड-19 संकट, आर्थिक संकट, जलवायु संकट और एक निष्पक्ष नस्लीय समानता इनमें प्रमुख हैं. हालांकि, भारत-चीन तनाव, चीन के विस्तारवाद पर नजर के साथ-साथ आतंकवाद-कट्टरता पर भी अमेरिका का स्टैंड चुनौतियां होंगी.

मालूम हो कि जो बाइडेन ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने को लेकर 1.9 ट्रिलियन डॉलर की योजना की शुरुआत की है. आर्थिक विकास को गति देने के लिए इस राशि का उपयोग कोविड-19 वैक्सीनेशन की ठोस योजना बनाने और क्रियान्वयन पर होगा.

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कोरोना संकट की नाराजगी भी देखने को मिली थी. डोनाल्ड ट्रंप से अमेरिका की जनता की नाराजगी राष्ट्रपति चुनाव में देखने को मिली थी. इसका फायदा भी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन को मिला. अमेरिकी नागरिकों के विश्वास पर खरा उतरना जो बाइडेन के लिए चुनौती होगी.

कोरोना काल में अमेरिका में बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगार हुए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल 2020 में ही करीब 66 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था. हालांकि, जो बाइडेन ने सभी अमेरिकियों को 1400 डॉलर देने की घोषणा है. लेकिन, बेरोजगार हुए और नौकरी गंवा चुके लोगों को रोजगार देना बाइडेन के लिए चुनौती होगी.

डोनाल्ड ट्रंप का फोकस अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सुधारने पर रहा है. उन्होंने अपने वक्तव्य में भी अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने को लेकर काम किया है. कोरोना काल में भी अर्थव्यवस्था के कारण ट्रंप ने लॉकडाउन को खारिज किया था. ऐसे में कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को सुधारना नये राष्ट्रपति के लिए चुनौती होगी.

चीन से अमेरिका के ट्रेड वॉर पर जो बाइडेन के फैसले पर दुनिया की नजर होगी. कोरोना संकट के लिए चीन को कटघरे में खड़ा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिये जानेवाली मदद भी रोक दी थी. चीन के विस्तारवाद पर रोक लगाना भी अमेरिका के लिए चुनौती होगी.

दक्षिण एशिया में भारत और चीन के बीच तनाव पर अमेरिकी रुख पर भी दुनिया की नजर है. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के प्रति सख्त रुख अख्तियार किया था. डब्ल्यूएचओ की फंडिंग रोकने के पीछे का कारण भी चीन ही था. वर्तमान में चीन से अमेरिका के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. ऐसे में नये राष्ट्रपति का एक्शन प्लान भी चुनौतीपूर्ण होगा.

पूरी दुनिया आतंकवाद-कट्टरवाद से जूझ रही है. फ्रांस और ऑस्ट्रिया जैसे देशों ने कड़े कदम उठाये हैं. लेकिन, अमेरिका को कट्टरवाद से बचाने के लिए नये राष्ट्रपति क्या कदम उठायेंगे. यह भी एक बड़ी चुनौती होगी.

राष्ट्रपति चुनाव परिणाम आने के बाद कैपिटल हिल पर दंगे हुए. इसके अलावा भी अमेरिका में कई बार नस्लीय कट्टरता देखने को मिली है. जो बाइडेन की नामित एसोसिएट अटॉर्नी जनरल ने भी नस्लीय कट्टरता को याद करते हुए नागरिक अधिकारों और न्याय सुधार के लिए प्रतिबद्धता जतायी है. नस्लीय कट्टरता से निबटना भी जो बाइडेन के लिए चुनौती होगी.

डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते और टीटीपी समझौते से अलग होने का फैसला किया था. साथ ही मुसलिम देशों पर प्रतिबंध और ईरान से बढ़ी दूरी पर जो बाइडेन के रुख पर भी दुनिया की नजर होगी. इन मसलों पर बाइडेन का रुख भी चुनौतीपूर्ण होगा.

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