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आईसीजे में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ किया वोट, अमेरिका ने अदालती आदेश का किया स्वागत

दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर आईसीजे में हुए मतदान में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी रूस के खिलाफ वोटिंग करने के बाद चर्चा में इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि इस जंग में भारत ने अब तक तटस्थता का रुख अपनाए हुए है.

वाशिंगटन : रूस यूक्रेन युद्ध आज 22वें दिन भी जारी है. संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने दोनों देशों से विश्व में शांति बहाल करने की अपील की है. इस बीच, बुधवार को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) ने रूस को तुरंत युद्ध रोकने का आदेश दिया है. सीजेआई ने रूस यूक्रेन युद्ध पर कराई गई वोटिंग के बाद यह फैसला दिया है. इसके लिए कराए गए मतदान में 15 में से 13 देशों ने रूस के खिलाफ वोटिंग की, जबकि दो देशों ने रूस के समर्थन में वोट डाले. खबर यह भी है सीजेआई की इस वोटिंग में भारत के प्रतिनिधि जस्टिस दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ वोटिंग की है.

चर्चा में क्यों हैं दलवीर भंडारी?

दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर आईसीजे में हुए मतदान में भारत के जस्टिस दलवीर भंडारी रूस के खिलाफ वोटिंग करने के बाद चर्चा में इसलिए बने हुए हैं, क्योंकि इस जंग में भारत ने अब तक तटस्थता का रुख अपनाए हुए है. आईसीजे के 15 सदस्य जजों में से जिन दो जजों ने रूस के समर्थन में वोट किया, उनमें से एक चीन के हैं और दूसरे खुद रूस के. रूस-यूक्रेन मामले पर जस्टिस दलवीर भंडारी का मत भारत सरकार के रुख से उलट है. रूस से संबंधों और यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के चलते भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से खुद को अलग कर चुका है.

कौन हैं दलवीर भंडारी?

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के 15 सदस्यों में जस्टिस दलवीर भंडारी भारत सरकार के सहयोग के बाद उसके जज बने हैं. जस्टिस दलवीर भंडारी का आईसीजे में यह दूसरा कार्यकाल है. इससे पहले उन्हें वर्ष 2012 में आईसीजे के लिए चुना गया, जो 2018 तक जारी रहा. इसके बाद उन्हें भारत की ओर से दोबारा नामित किया गया. उन्होंने यूके के नामित जस्टिस ग्रीनवुड को हराकर आईसीजे में एक और कार्यकाल हासिल किया.

किन-किन ने रूस के खिलाफ डाला वोट

संयुक्त राष्ट्र की अदालत के 15 के 13 सदस्यों ने रूस के खिलाफ वोट किए हैं. इनमें आईसीजे अध्यक्ष जोआन ई डोनोग्यू (यूएसए), जस्टिस पीटर टोमका (स्लोवाकिया), जस्टिस रोनी अब्राहम (फ्रांस), जस्टिस मोहम्मद बेन्नौना (मोरक्को), जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ (सोमालिया), जस्टिस जूलिया सेबुटिंडे (युगांडा), जस्टिस दलवीर भंडारी (भारत), जस्टिस पैट्रिक लिप्टन रॉबिन्सन (जमैका), जस्टिस नवाफ सलाम (लेबनान), जस्टिस इवासावा यूजी (जापान), जस्टिस जॉर्ज नोल्टे (जर्मनी), जस्टिस हिलेरी चार्ल्सवर्थ (ऑस्ट्रेलिया) और जस्टिस तदर्थ दौडेट ने बहुमत के पक्ष में रूस के खिलाफ वोट डाला.

आईसीजे ने क्या दिया आदेश

वोटिंग के बाद आईसीजे के अध्यक्ष अमेरिका के जस्टिस जोन ई डोनोग्यू ने कहा कि रूसी संघ को 24 फरवरी को यूक्रेन के क्षेत्र में शुरू किए अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकना चाहिए. भारतीय न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने रूस के खिलाफ मतदान किया. अदालत के आदेश का 13 न्यायाधीशों ने फैसले के समर्थन किया, जबकि दो ने इसके खिलाफ मतदान किया. आईसीजे के फैसले के खिलाफ मत देने वालों में रूस के उप-राष्ट्रपति किरिल गेवोर्गियन और चीन के न्यायाधीश ज़ू हानकिन शामिल हैं.

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अमेरिका ने किया स्वागत

अमेरिका ने बुधवार को आईसीजे के उस आदेश का स्वागत किया, जिसमें उसने रूस को यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने को कहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने इसे एक महत्वपूर्ण फैसला करार देते हुए कहा कि आईसीजे ने रूस को अपने सैन्य अभियान रोकने का स्पष्ट रूप से आदेश दिया है. प्राइस ने कहा कि हम अदालत के आदेश का स्वागत करते हैं और रूसी संघ से आदेश का पालन करने, यूक्रेन में अपने सैन्य अभियानों को तुरंत रोकने और यूक्रेन में निर्बाध मानवीय पहुंच स्थापित करने का आह्वान करते हैं.

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