Ali Ahmad Jalali Interim President of Afghanistan: अफगानिस्तान में तख्तापलट लगभग हो चुका है. राष्ट्रपति अशरफ गनी की जगह अली अहमद जलाली (81) को अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया जा चुका है. तोलो न्यूज ने कहा है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) और उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Amrullah Saleh) अफगानिस्तान छोड़कर चले गये हैं. तालिबान अफगानिस्तान की बागडोर अपने हाथों में ले सकता है. इसके बाद एक बार फिर अफगानिस्तान में कट्टरपंथी तालिबान (Taliban) का राज लौट आयेगा. ऐसे में लोग जानना चाह रहे हैं कि अंतरिम राष्ट्रपति अली अहमद जलाली हैं कौन? (Who is Ali Ahamd Jalali)
आइए, हम बताते हैं कि जलाली हैं कौन. जलाली काबुल (Kabul) में जन्मे अमेरिकी नागरिक और शिक्षाविद हैं. अफगानिस्तान की सेना में कर्नल रहे हैं. रूस ने जब अफगानिस्तान पर हमला किया था, तो उससे निबटने की रणनीति अली अहमद जलाली (ali ahamd jalali news) ने ही बनायी थी. वह अफगानिस्तान की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इसलिए अफगानिस्तान के लोगों को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के जानकार जलाली (interim president of afghanistan) से कुछ उम्मीदें होंगी. बताया जा रहा है कि तालिबान को भी जलाली स्वीकार्य हो सकते हैं.
कई बार मुश्किल घड़ी में उन्होंने अपने देश का प्रतिनिधित्व किया है. इस स्कॉलर ने कई भूमिकाएं निभायीं हैं. कभी जर्मनी में अफगानिस्तान के राजदूत रहे, तो कभी प्रोफेसर की भूमिका निभायी. अफगानिस्तान की सेना में कर्नल रहे, तो सरकार में आंतरिक मंत्री भी बने. अली अहमद जलाली अफगानिस्तान की राजनीति को तो समझते ही हैं, तालिबान पर भी उनकी अच्छी पकड़ बतायी जाती है. जलाली पर अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार और तालिबान दोनों को भरोसा है. जब तक तालिबान अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति नहीं चुन लेता, जलाली ही अंतरिम राष्ट्रपति बने रह सकते हैं.
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अमेरिकी नागरिक और मेरीलैंड में निवास
ali ahamd jalali bio in hindi: अली अहमद जलाली 80 के दशक में अफगान सेना के कर्नल हुआ करते थे. सोवियत संघ के साथ चले सबसे लंबे युद्ध में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभायी थी. उसी दौरन में वह अफगानिस्तान रेजिस्टेंस हेडक्वार्टर्स के शीर्ष सलाहकार की भूीमिका भी निभा रहे थे. वर्ष 1987 तक अमेरिकी नागरिक हुआ करते थे. वह मेरीलैंड में रहते थे. वर्ष 2003 में अफगानिस्तान लौटे. तब तालिबान का कहर कम हो रहा था. उनके देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत थी. तब की सरकार ने उन्हें विदेश मंत्री बनाया था. वर्ष 2005 के सितंबर महीने तक जलाली अफगानिस्तान के विदेश मंत्री रहे.
सरकार से इस्तीफा देने के बाद से जलाली अमेरिका के वाशिंगटन डीसी स्थित नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के नियर ईस्ट साउथ एशिया सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (एनईएसए) में बतौर प्रोफेसर काम कर रहे थे. उन्होंने अफगानिस्तान, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस में उच्च कमान और स्टाफ कॉलेजों में लेक्चर भी दिये हैं. ऐसे में उनके पास सेना में काम करने और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के बारे में भी काफी अनुभव है.
जलाली का करियर
सन 1940 में जन्मे जलाली के पिता प्रोफेसर जी जेलानी जलाली भी शिक्षाविद थे. जलाली ने अफगानिस्तान, दक्षिण और मध्य एशिया के साथ-साथ मध्य पूर्व को कवर करते हुए 20 से अधिक वर्षों तक वॉयस ऑफ अमेरिका के साथ काम किया. अफगान रेडियो नेटवर्क प्रोजेक्ट के डायरेक्टर और दारी और पश्तो सेवाओं के प्रमुख के रूप में भी जलाली ने काम किया.
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अफगानिस्तान को दहशत से मुक्ति दिला पायेंगे जलाली?
अंतरिम राष्ट्रपति क कमान संभालने वाले अली अहमद जलाली के सामने पहाड़ सी चुनौतियां हैं. उन्हें इन चुनौतियों से पार पाना होगा. उनका शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. आंतरिक मंत्री के रूप में उन्होंने पुलिस और सेना की बड़ी फौज तैयार की थी. आतंकवाद से घुसपैठ तक के मुद्दों पर उन्होंने स्पष्ट और सख्त रुख अपनाया था. वर्ष 2004 के राष्ट्रपति चुनाव और वर्ष 2005 में संसदीय चुनाव कराने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभायी थी. उनके ट्रैक रिकॉर्ड की वजह से ही जलाली पर भरोसा जताया जा रहा है कि वही हैं, जो देश को मुश्किल घड़ी से उबार सकते हैं.
Posted By: Mithilesh Jha