अपनी गंदी चाल को लेकर दुनिया में बदनाम हुआ चीन, केन्या की कोर्ट ने रद्द किया करोड़ों डॉलर का रेलवे प्रोजक्ट
china, kenya, rail project: आर्थिक उपनिवेश की आड़ में विस्तारवादी नीति को लेकर चीन अब दुनिया भर में बदनाम हो रहा है. अब अफ्रीकी देश केन्या की एक कोर्ट ने चीन के साथ करोड़ों डॉलर का एक रेल प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. केन्या की कोर्ट ने न सिर्फ इसे गैरकानूनी पाया है बल्कि चीन की कंपनियों को कड़ी फटकार भी लगाई है.
china, kenya, rail project: आर्थिक उपनिवेश की आड़ में विस्तारवादी नीति को लेकर चीन अब दुनिया भर में बदनाम हो रहा है. अब अफ्रीकी देश केन्या की एक कोर्ट ने चीन के साथ करोड़ों डॉलर का एक रेल प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया है. केन्या की कोर्ट ने न सिर्फ इसे गैरकानूनी पाया है बल्कि चीन की कंपनियों को कड़ी फटकार भी लगाई है. भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर उलझे चीन के रिश्ते अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से भी ठीक नहीं से नहीं चल रहे.
जिस रेल प्रोजेक्ट को केन्या ने रद्द किया है वो चीन के लिए बेहद अहम माना जाता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस प्रोजेक्ट के लेकर खासे उत्साहित थे. इतना ही नहीं, कुछ दिनों पहले शी जिनपिंग ने केन्या के राष्ट्रपति उहुरू केन्याटा को मोम्बासा पोर्ट तक से कार्गो सप्लाई किए जाने को लेकर बधाई भी दी थी.
Also Read: नेपाल की भी जमीन हड़पने में जुटा चीन, विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने सरकार से मांगा जवाब
दरअसल, ये प्रोजेक्ट चीन की महत्वकांक्षी योजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत था. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केन्या ने चीन के अरबों डॉलर के रेलवे प्रोजक्ट को रद्द कर दिया है. इस प्रोजक्ट के अनुबंध को लेकर दायर याचिका के दौरान केन्या की कोर्ट ने इसे अवैध पाया है.
Kenyan court declares USD 3.2 billion railway contract with China illegal
Read @ANI Story | https://t.co/5DptIbO0bq pic.twitter.com/2qfn2yos8y
— ANI Digital (@ani_digital) June 25, 2020
क्या है मामला
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चाइना अफ्रीका समिट के दौरान बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत केन्या के साथ एक स्टेंडर्ड गेज रेललाइन (एसजीआर) बिछाने के समझौते पर 2017 में हस्ताक्षर किया था. इसके तहत तहत चीन रोड एंड ब्रिज कॉर्पोरेशन केन्या में अरबों डॉलर की लागत से महत्वकांक्षी प्रोजक्ट बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के माध्यम से रेलवे लाइन का विस्तार कर रहा था. केन्या ने इसके लिए एक्सिम बैंक ऑफ चाइना से 3.2 बिलियन डॉलर (करीब 24,315 करोड़ रुपये) का कर्ज लिया है.
केन्या के एक्टिविस्ट ओकीया ओमताह और लॉ सोसाइटी ऑफ केन्या के वकीलों के एक समूह ने 2014 में एसजीआर के निर्माण को रोकने के लिए केस किया था. उनका कहना था कि रेलवे एक पब्लिक प्रोजेक्ट है, जिसकी खरीद प्रक्रिया बिल्कुल निष्पक्ष, प्रतिस्पर्धी और पारदर्शी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए बिना कोई टेंडर जारी किए इसका कॉन्ट्रैक्ट सीधे चीन की एक कंपनी को सौंप दिया गया.
लंबी चली सुनवाई और कानूनी प्रक्रिया के बाद केन्या में हाई कोर्ट के फैसलों से उत्पन्न मामलों को संभालने वाली कोर्ट ऑफ अपील ने फैसला सुनाया कि राज्य के स्वामित्व वाली केन्या रेलवे स्टेंडर्ड गेज रेलवे की परियोजना को लेकर खरीद में देश के कानूनों का उल्लंघन किया है. हालांकि केन्या की सरकार इस फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फिर से अपील करने की तैयारी कर रही है.
Posted By: Utpal kant