Kim Jong Un in Russia: परमाणु हमला करने में सक्षम बम वर्षक विमान देखने पहुंचे किम जोंग उन, देखें तस्वीर
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन गत मंगलवार को रूस पहुंच चुके हैं जहां रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनकी मुलाकात हुई. इसके बाद वे परमाणु हमले करने में सक्षम बम वर्षक विमान देखने पहुंचे. देखें कुछ खास तस्वीरें
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन शनिवार सुबह रूस के सुदूर बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक पहुंचे, जहां उन्हें परमाणु हमले करने में सक्षम बम वर्षक विमान दिखाए गए. किम दिन में व्लादिवोस्तोक में रूस के प्रशांत बेड़े में शामिल नौसैनिक पोत का जायजा लेने जा सकते हैं.
रूस के प्रिमोर्स्की क्षेत्र के गवर्नर ओलेग कोझेम्याको ने व्लादिवोस्तोक से लगभग 40 किलोमीटर (25 मील) उत्तर-पूर्व में आर्त्योम शहर में किम के आने की घोषणा की. गवर्नर ने एक मैसेजिंग ऐप पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें किम हरे-पीले रंग की ट्रेन से मुस्कराते हुए उतरते दिख रहे हैं और स्कूल के बच्चे उन्हें फूल दे रहे हैं.
आर्त्योम पहुंचने के बाद किम व्लादिवोस्तोक हवाई अड्डे पहुंचे, जहां रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और अन्य सैन्य अधिकारियों ने उन्हें परमाणु हमले करने में सक्षम बमवर्षक विमान और अन्य युद्धक विमान दिखाए. शोइगु ने किम को रूस की नवीनतम मिसाइल ‘हाइपरसोनिक किंझल’ भी भेंट की, जिन्हें मिग-31 लड़ाकू विमान के जरिये दागा जाता है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक मीडिया ने शनिवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि किम रूस के अत्याधुनिक युद्धक विमानों का निर्माण करने वाली फैक्टरी को देखकर ‘‘बेहद प्रभावित’’ हुए हैं. किम की यह यात्रा बुधवार को वोस्तोचनी स्पेसपोर्ट में उनके और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत और शुक्रवार को कोम्सोमोल्स्क-ऑन-अमूर में विमान निर्माण संयंत्र के उनके दौरा के बाद हो रही है.
किम अपनी बख्तरबंद ट्रेन से मंगलवार को रूस पहुंचे थे. उन्होंने हथियारों और प्रौद्योगिकी से जुड़े कई स्थलों का दौरा किया. रूस और उत्तर कोरिया पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगाए हैं तथा उन्हें अलग-थलग कर दिया है. विशेषज्ञों का मनना है कि दोनों देश अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा कर रहे हैं.
उत्तर कोरिया के परमाणु-सक्षम हथियारों और युद्ध सामग्री कारखानों की जिम्मेदारी संभालने वाले शीर्ष सैन्य अधिकारी भी किम के साथ रूस पहुंचे हैं. इस यात्रा से यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर रूस के संभावित हथियार सौदे को लेकर पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं.