किम जोंग ने पुतिन को दिया उत्तर कोरिया आने का आमंत्रण, जानें रूसी राष्ट्रपति ने क्या दिया जवाब
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अब अपनी बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने देश में आमंत्रित किया है, प्योंगयांग की राज्य मीडिया केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) ने बताया कि पुतिन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है.
Kim Jong Un And Vladimir Putin : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अब अपनी बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने देश में आमंत्रित किया है, प्योंगयांग की राज्य मीडिया केसीएनए (कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी) ने बताया कि पुतिन ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से राज्य मीडिया ने कहा, पुतिन ने निमंत्रण को खुशी के साथ स्वीकार किया और रूस-डीपीआरके दोस्ती के इतिहास और परंपरा को आगे बढ़ाने की अपनी इच्छा की पुष्टि की.
पुतिन को पूर्ण और बिना शर्त समर्थन देने का संकल्प जताया
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को पूर्ण और बिना शर्त समर्थन देने का संकल्प जताया. दोनों नेताओं ने एक शिखर बैठक की जिसके बारे में अमेरिका ने चेतावनी दी कि इससे यूक्रेन में मास्को के युद्ध के लिए गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए एक समझौता हो सकता है. रूस और उत्तर कोरिया के नेताओं के बीच यह बैठक एक सुदूरवर्ती साइबेरियाई रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र में हुई जो करीब चार घंटे चली. पश्चिमी देशों द्वारा अलग-थलग किये गए इन दोनों नेताओं के बीच यह बैठक इस बात को रेखांकित करती है कि दोनों के हित किस तरह एक दिशा में हैं.
गोला-बारूद और रॉकेट के भंडार की जरूरत
माना जाता है कि पुतिन को सोवियत कालीन हथियारों के लिए पुराने गोला-बारूद और रॉकेट के भंडार की जरूरत है जो उत्तर कोरिया के पास प्रचुर मात्रा में है. इस तरह का अनुरोध 1950-53 के कोरियाई युद्ध की भूमिकाओं के उलट होने का प्रतीक होगा, जब मॉस्को ने दक्षिण कोरिया पर प्योंगयांग के आक्रमण का समर्थन करने के लिए हथियार दिए थे. रूस की धरती पर सबसे महत्वपूर्ण प्रक्षेपण केंद्र, वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में मुलाकात के निर्णय से यह संकेत मिलता है कि किम सैन्य टोही उपग्रह विकसित करने के लिए रूस की मदद चाहते हैं, जिसे उन्होंने परमाणु हमला करने में सक्षम अपनी मिसाइल के खतरे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बताया है. हाल के महीनों में, उत्तर कोरिया अपने पहले सैन्य जासूसी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में बार-बार विफल रहा है.
किम अपनी लिमोजिन कार से प्रक्षेपण केंद्र पहुंचे जिसे वह विशेष बख्तरबंद ट्रेन में प्योंगयांग से लेकर आये थे. इस दौरान पुतिन ने उनका स्वागत किया और हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया. दोनों नेताओं ने लगभग 40 सैकंड तक हाथ मिलाया. पुतिन ने उत्तर कोरिया को सोवियत संघ द्वारा युद्धकालीन समर्थन के बारे में बात की और कहा कि वार्ता में आर्थिक सहयोग, मानवीय मुद्दे और “क्षेत्र की स्थिति” शामिल होगी. वहीं किम ने परोक्ष तौर पर यूक्रेन में युद्ध की ओर इशारा करते हुए मास्को के लिए लगातार समर्थन की प्रतिबद्धता जतायी.
उन्होंने कहा, ‘‘रूस वर्तमान में अपने संप्रभु अधिकारों, सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए आधिपत्यवादी ताकतों के खिलाफ उचित संघर्ष में लगा हुआ है. डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने हमेशा रूसी सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों के लिए अपना पूर्ण और बिना शर्त समर्थन व्यक्त किया है और मैं इस अवसर पर फिर से दोहराता हूं कि हम साम्राज्यवाद विरोधी मोर्चे और स्वतंत्रता के मोर्चे पर हमेशा रूस के साथ खड़े रहेंगे.’’ विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया के पास सोवियत डिज़ाइन पर आधारित लाखों पुराने तोपखाने के गोले और रॉकेट हो सकते हैं जो यूक्रेन में रूसी सेना को भारी बढ़त दे सकते हैं.
अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर रूस को हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाया है, जिसमें रूसी समूह वैगनर को तोपखाने के गोले बेचना भी शामिल है. रूसी और उत्तर कोरियाई दोनों अधिकारियों ने ऐसे दावों का खंडन किया है. हालांकि उत्तर कोरिया से हथियार खरीदना या उसे रॉकेट तकनीक मुहैया कराना उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन होगा जिनका रूस ने अतीत में समर्थन किया है. रूस के सरकारी मीडिया के अनुसार क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बताया कि किम और पुतिन ने पहले अपने प्रतिनिधिमंडलों के साथ मुलाकात की और बाद में आपस में मुलाकात की. प्रवक्ता के अनुसार वार्ता के बाद, रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने किम के लिए आधिकारिक दोपहर का भोजन दिया.