10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

किंग्स चार्ल्स बने ब्रिटेन के नए राजा, कहा – मैं अपनी पत्नी के समर्थन से बेहद प्रोत्साहित

Britain New King: महारानी एलिजाबेथ-II के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे किंग्स चार्ल्‍स तृतीय को आज ब्रिटेन का नया महाराज घोषित किया गया है.

Britain New King: किंग्स चार्ल्स-3 को शनिवार को एक्सेशन काउंसिल के एक ऐतिहासिक समारोह में ब्रिटेन का नया महाराज घोषित किया गया. ब्रिटेन के इतिहास में पहली बार समारोह का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया. किंग चार्ल्स की मां एवं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को निधन हो जाने के बाद 73 वर्षीय पूर्व प्रिंस ऑफ वेल्स की ताजपोशी की गई है.

विलियम नये प्रिंस ऑफ वेल्स

शनिवार का समारोह लंदन के सेंट जेम्स पैलेस में ताजपोशी की औपचारिक घोषणा करने और उनके शपथ ग्रहण के लिए आयोजित किया गया. किंग चार्ल्स तृतीय अपनी पत्नी, क्वीन कॉन्सर्ट कैमिला तथा अपने बेटे एवं उत्तराधिकारी प्रिंस विलियम के साथ समारोह में शरीक हुए. प्रिंस विलियम नये प्रिंस ऑफ वेल्स हैं.

मेरी मां का शासन काल, समर्पण और निष्ठा में बेमिसाल था: सम्राट चार्ल्स

सम्राट चार्ल्स तृतीय ने अपनी मां महारानी एलिजाबेथ के निधन पर कहा पूरी दुनिया मेरे साथ उस अपूरणीय क्षति के लिए सहानुभूति रखती है, जिसे हम सभी ने झेला है. सम्राट चार्ल्स तृतीय ने कहा कि मेरी मां का शासन काल, समर्पण और निष्ठा में बेमिसाल था. उन्होंने कहा कि मेरी मां ने आजीवन प्रेम और निस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत किया. मैं अपनी पत्नी के निरंतर समर्थन से बेहद प्रोत्साहित हूं.

ब्रिटेन में राजशाही के तौर-तरीकों में बदलाव संभव!

ब्रिटेन की जनता को अभी यह नहीं मालूम कि सम्राट चार्ल्स-3 का शासन कैसा होगा और क्या वह उनकी मां की परंपराओं से अलग होगा. अगर सिंहासन पर बैठने के उनके पहले दिन से मिले संकेत को देखे तो चार्ल्स कम से कम कुछ अलग करने की तैयारी में तो दिखते हैं. जब चार्ल्स नए सम्राट के तौर पर शुक्रवार को पहली बार बकिंघम पैलेस पहुंचे तो उनकी लिमोजीन कार उन्हें देखने के लिए उमड़ी भीड़ के बीच से गुजरी और महल के प्रवेश द्वार पर रुकी, जहां उन्होंने कार से बाहर निकलकर अपने शुभचिंतकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया. चार्ल्स 1,000 साल पुरानी राजशाही के तख्तनशीं के बजाय चुनाव प्रचार अभियान पर निकले अमेरिका के किसी राष्ट्रपति की तरह लगे.

चार्ल्स का यह कदम लोगों को आया पंसद

चार्ल्स ने तकरीबन 10 मिनट तक लोगों का आभार व्यक्त किया और इस दौरान वह लोगों द्वारा ईश्वर सम्राट की रक्षा करें के नारे लगाने के बीच मुस्कुराए, हाथ हिलाकर अभिवादन किया, संवेदनाएं स्वीकार की और फूलों का गुलदस्ता स्वीकार किया. महल के बाहर एकत्रित हुए लोगों को चार्ल्स का कार से बाहर निकलकर भीड़ से मुलाकात करना प्रभावशाली, दिल को छूने वाला और एक अच्छा कदम लगा. चार्ल्स की अधिक निकट से लोगों से जुड़ने की कोशिशें यह दिखाती है कि उन्हें जनता के समर्थन की दरकार है.

चार्ल्स के सामने कई मुश्किल मुद्दे

चार्ल्स के सामने कई मुश्किल मुद्दे हैं. जिसमें से प्रमुख मुद्दा यह है कि 73 वर्षीय सम्राट राष्ट्राध्यक्ष की अपनी भूमिका को किस तरह निभाएंगे. ब्रिटेन की संवैधानिक राजशाही से जुड़े कानून और परंपराएं राजघराने के प्रमुख को दलगत राजनीति से दूर रहने के लिए कहती हैं, लेकिन चार्ल्स युवावस्था से ही उन मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखते रहे हैं जो उन्हें महत्वपूर्ण लगते हैं खासतौर से पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर. वे नेताओं और कारोबारी नेताओं के बयानों से जुदा राय रखते रहे हैं जो तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स पर उन मुद्दों में उलझने का आरोप लगाते हैं, जिन पर उन्हें चुप रहना चाहिए. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चार्ल्स अपने मां के उदाहरण का अनुसरण करेंगे और अब राजगद्दी पर ताजपोशी के साथ अपने निजी विचारों को दबा देंगे या वृहद जनता तक पहुंचने के लिए अपने इस नए मंच का इस्तेमाल करेंगे.

अपने पहले भाषण में सम्राट ने कही ये बात

सम्राट के रूप में अपने पहले भाषण में चार्ल्स ने अपने आलोचकों को थोड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर नयी जिम्मेदारियां संभालने पर मेरी जिंदगी में बदलाव आएगा. मेरे लिए अब धमार्थ कार्यों और उन मुद्दों पर ध्यान देना ज्यादा संभव नहीं होगा, जिनकी मैं बहुत परवाह करता हूं. लेकिन, मैं जानता हूं कि यह महत्वपूर्ण कार्य अन्य लोगों द्वारा किया जाता रहेगा.

Also Read: Nuclear War: युद्ध हुआ तो अमेरिका पर परमाणु हथियार चला देगा उत्तर कोरिया ? जानें किम जोंग उन ने क्या कहा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें