क्वाड समूह के नेताओं की मौजूदगी में मंगलवार यानी आज की होने वाली बैठक में मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद प्रशांत के लिए सहयोग को और मजबूत बनाने पर चर्चा होगी. बैठक में दीर्घकालिक सामरिक आधार तैयार करने तथा यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान जैसे मुद्दों के चर्चा के केंद्र में रहने की उम्मीद है. क्वाड समूह में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. इस बैठक में समूह के नेता चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच कानून आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर चर्चा करेंगे.
मंगलवार को क्वाड देश इसपर एक कानून बनाने पर भी विचार कर सकते हैं. शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंद प्रशांत को लेकर भारत का दृष्टिकोण रखने के साथ सहयोग को गति देने के रास्तों के बारे में भी विचार रख सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इस शिखर बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र के बारे में वाशिंगटन की मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित कर सकते हैं. इस क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक सोच के अनुरूप अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने सोमवार को 12 हिंद-प्रशांत देशों के साथ एक नये व्यापार समझौते की शुरुआत की.
भारत, अमेरिका ने निवेश प्रोत्साहन समझौते पर किये हस्ताक्षर, देश के प्रमुख क्षेत्रों में अमेरिकी निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इस समझौते से अक्षय ऊर्जा, कृषि, स्वास्थ्य सेवा और एसएमई वित्तपोषण में निवेश का विस्तार करने में मिलेगी मदद
प्रधानमंत्री मोदी बोले- समझौता इस क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक वृद्धि का इंजन बनाने की सामूहिक इच्छाशक्ति को दर्शाती है
शिखर बैठक में ऑस्ट्रेलिया के नवनियुक्त प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज होंगे शामिल, यूक्रेन संकट के समाधान पर जोर
चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिका करेगा सैन्य हस्तक्षेप- बाइडेन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो उनका देश सैन्य हस्तक्षेप करेगा. यह पिछले कुछ दशकों में ताइवान के समर्थन में दिये गये प्रत्यक्ष एवं जोरदार बयानों में से एक है. बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वशासित द्वीप की रक्षा करने का दबाव और भी बढ़ गया है.
चीन ने की बयान की निंदा: चीन ने बाइडेन के इस बयान की निंदा की कि यदि बीजिंग ने स्वशासित ताइवान पर आक्रमण किया, तो जापान के साथ अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करेगा. बाइडेन के इस बयान ने राष्ट्रीय एकीकरण करने के चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी योजना को संकट में डाल दिया है. ताइवान का चीन की मुख्य भूमि के साथ एकीकरण करना शी का बड़ा राजनीतिक वादा है.