Loujain Alhathloul : लोजैन अल-हथलौल को सऊदी में दी गयी छह साल की सजा, महिला अधिकारों की वकालत करना है जुर्म
Loujain Alhathloul : सऊदी अरब की प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं में से एक लोजैन अल-हथलौल (Loujain Alhathloul ) को देश के अस्पष्ट आतंकवाद रोधी कानून के तहत करीब छह साल जेल की सजा सुनायी गयी है. इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय जगत में आलोचना हो रही है.
दुबई : सऊदी अरब की प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं में से एक लोजैन अल-हथलौल को देश के अस्पष्ट आतंकवाद रोधी कानून के तहत करीब छह साल जेल की सजा सुनायी गयी है. इस फैसले की अंतरराष्ट्रीय जगत में आलोचना हो रही है.
लोजैन अल-हथलौल पहले से ही कैद में थीं और उन्हें कई बार नजरबंद भी किया गया था. विशेषज्ञों के अनुसार लोजैन अल-हथलौल को लगातार कैद में रखने से सऊदी अरब और अमेरिका के रिश्तों पर असर पड़ सकता है. मानवाधिकार संगठन ‘‘प्रिजनर्स ऑफ कॉन्शन्स” के अनुसार अल-हथलौल को मार्च 2021 में रिहा किया जा सकता है क्योंकि सजा की अधिकतर अवधि वह काट चुकी हैं.
वह मई 2018 से कैद में हैं, इसके आधार पर 34 महीने की उनकी सजा खत्म की जा सकती है. उनके परिवार ने एक बयान में कहा कि अल-हथलौल पर पांच साल तक देश से बाहर नहीं जाने की पाबंदी होगी और रिहाई के बाद तीन साल तक उन्हें प्रोबेशन पर रहना होगा. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने अल-हथलौल की सजा को अन्यायपूर्ण बताया है.
उन्होंने ट्वीट किया, जैसा कि हमने कहा है कि बाइडन-हैरिस प्रशासन मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ खड़ा रहेगा, चाहे ये उल्लंघन कहीं भी हो रहे हों. सऊदी की एक समाचार वेबसाइट के मुताबिक अल-हथलौल को इंटरनेट का इस्तेमाल कर विदेशी एजेंडा चलाने, लोक आदेश का उल्लंघन करने तथा आतंकवाद रोधी कानून के तहत अपराध करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं की मदद करने जैसे आरोपों पर पांच साल आठ महीने की जेल की सजा सुनायी गयी है.
Also Read: धौनी के बाद अजिंक्य रहाणे दूसरे ऐसे भारतीय कप्तान बने जिसने किया ये कमाल…
एक अन्य महिला अधिकार कार्यकर्ता माया अल-जारानी को भी ऐसे ही अपराधों के आरोप में विशेष फौजदारी अदालत ने सजा सुनायी है. दोनों महिलाओं के पास सजा के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन का वक्त है.
Posted By : Rajneesh Anand