मलाला यूसुफजई ने पूरी की ग्रेजुएशन की पढ़ाई, शिक्षा को लेकर कभी खानी पड़ी थी तालिबानियों की गोली
दुनिया की सबसे कम उम्र की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पाकिस्तान में लड़कियों के लिए शिक्षा अभियान चलाने को लेकर कभी आतंकवादियों की गोली खाने वाली मलाला यूसुफजई ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है. ऑक्सफोर्ड के लेडी माग्ररेट हॉल कॉलेज से पढ़ाई करने वाली मलाला (22) ने परिवार के साथ जश्न मनाती दो तस्वीरें ट्वीट पर साझा कर अपनी खुशी जाहिर की.
लंदन : दुनिया की सबसे कम उम्र की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और पाकिस्तान में लड़कियों के लिए शिक्षा अभियान चलाने को लेकर कभी आतंकवादियों की गोली खाने वाली मलाला यूसुफजई ने ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है. ऑक्सफोर्ड के लेडी माग्ररेट हॉल कॉलेज से पढ़ाई करने वाली मलाला (22) ने परिवार के साथ जश्न मनाती दो तस्वीरें ट्वीट पर साझा कर अपनी खुशी जाहिर की.
मलाला ने ट्वीट किया, ‘ऑक्सफोर्ड से दर्शनशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान और अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने की खुशी को बयां करना बहुत मुश्किल है.’ उन्होंने इस ट्वीट के साथ दो तस्वीरें साझा कीं. एक तस्वीर में वह अपने परिवार के साथ एक केक के सामने बैठीं हैं, जिसपर लिखा है, ‘स्नातक की पढ़ाई पूरी करने की बधाई मलाला.’ वहीं, दूसरी तस्वीर में वह केक में लथपथ दिखाई दे रही हैं.
Hard to express my joy and gratitude right now as I completed my Philosophy, Politics and Economics degree at Oxford. I don’t know what’s ahead. For now, it will be Netflix, reading and sleep. 😴 pic.twitter.com/AUxN55cUAf
— Malala (@Malala) June 19, 2020
मानवाधिकार कार्यकर्ता मलाला ने कहा कि वह अब नेटफ्लिक्स देखकर, किताबें पढ़कर और सो कर वक्त बिताएंगी. दिसंबर 2012 में उत्तर-पूर्वी पाकिस्तान की स्वात घाटी में महिला शिक्षा का प्रचार करने के लिए तालिबान के आतंकवादियों ने मलाला के सिर में गोली मार दी थी. गंभीर रूप से घायल मलाला को पाकिस्तान के सैन्य अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाया गया था. बाद में उन्हें इलाज के लिये ब्रिटेन भेज दिया गया था. हमले के बाद तालिबान ने एक बयान जारी किया था कि अगर मलाला जिंदा बच गयीं, तो वह दोबारा उन्हें निशाना बनाएगा.
मलाला को शिक्षा की वकालत करने के लिए 2014 में 17 साल की उम्र में भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. ठीक होने के बाद पाकिस्तान वापस लौटने में असमर्थ रहीं मलाला ब्रिटेन में रहने लगीं. उन्होंने पाकिस्तान , नाइजीरिया, जॉर्डन, सीरिया और केन्या में शिक्षा की वकालत करने वाले स्थानीय समूहों के साथ मिलकर मलाला फंड की स्थापना की. वहीं, महिलाओं की शिक्षा के खिलाफ रहे तालिबान ने पाकिस्तान में कई स्कूलों को तबाह कर दिया.
Posted By : Vishwat Sen