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Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान के नये निजाम के ये हैं प्रमुख 5 चेहरे, तालिबान के पुराने नेताओं को भी जानें

New Leadership of Taliban|Afghanistan Crisis| आइए, जानते हैं कि तालिबान के नये निजाम में कौन-कौन लोग हैं और उनकी जिम्मेदारियां क्या-क्या हैं. 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन करने वाले नेता कौन थे?

Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हो चुकी है. नये निजाम में 5 शीर्ष नेता हैं, तो 2 मिलिट्री कमांडर भी हैं. नये तालिबान में कट्टरपंथी मौलवी हैं, तो पिछले तालिबान की तुलना में थोड़े उदार लोग भी हैं. आइए, जानते हैं कि तालिबान के नये निजाम (New Leadership of Taliban) में कौन-कौन लोग हैं और उनकी जिम्मेदारियां क्या-क्या हैं. यह भी बतायेंगे कि पुराने कौन-कौन से नेता थे, जिन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.

हैबतुल्लाह अखुंदजादा

तालिबान का सुप्रीम लीडर है. उसकी उम्र 60 साल बतायी जाती है. यह तालिबान का लड़ाका नहीं है. यह मौलवी है. तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के उत्तराधिकारी मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर कीमौत के बाद मई, 2016 में हैबतुल्लाह अखुंदजादा को तालिबान की कमान सौंपी गयी.

अब्दुल गनी बारादर

हैबतुल्लाह अखुंदजादा के बाद तालिबान के दूसरे सबसे बड़े नेता का नाम है अब्दुल गनी बारादर. वह राजनीतिक विंग का प्रमुख है. तालिबान के संस्थापक सदस्यों में शुमार है. मुल्ला उमर के साथ लंबे समय तक काम किया. मुल्ला उमर के बाद बारादर को ही तालिबान का नंबर दो नेता माना जाता था. तालिबान में उसके चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त है. राजनीतिक रूप से मजबूत अब्दुल गनी बारादर ने दोहा में अमेरिका के विशेष प्रतिनिधियों से वार्ता में अहम भूमिका निभायी थी.

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जबीउल्लाह मुजाहिद

तालिबान का मुख्य प्रवक्ता है. जबीउल्लाह मुजाहिद की उम्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन, वह कम से कम एक दशक तक से तालिबान का मुख्य प्रवक्ता है. अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद काबुल में पहली बार मंगलवार को दुनिया ने इसका चेहरा देखा.

शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई

अमेरिका के साथ दोहा में जब तालिबान की वार्ता शुरू हुई, तो इस कट्टरपंथी संगठन की ओर से मुख्य वार्ताकार. दोहा में जब बात आगे बढ़ी, उसके बाद मुल्ला गनी बारादर की वार्ता में एंट्री हुई.

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अब्दुल सलाम हनफी

दोहा में तालिबान के कार्यालय का सदस्य और वार्ताकार. हनफी ने कई बार पत्रकारों को संबोधित किया. वर्ष 2020 में अब्दुल सलाम हनफी तालिबान का पहला नेता था, जिसने इस बात को सार्वजनिक किया कि तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता चल रही है. उज्बेकिस्तान के नागरिक हनफी की उम्र के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

तालिबान के मिलिट्री कमांडर

सिराजुद्दीन हक्कानी: तालिबान का डिप्टी लीडर है. 48 साल का सिराजुद्दीन हक्कानी हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है. उसने हाल के दिनों में तालिबान के लड़ाकों का नेतृत्व किया है.

मुल्ला मोहम्मद याकूब: मुल्ला उमर के बेटे के रूप में पहचान रखने वाले मुल्ला मोहम्मद याकूब की अब अपनी अलग पहचान बन चुकी है. वह तालिबानी सेना का डिप्टी लीडर है. 31 वर्षीय मुल्ला मोहम्मद याकूब को अन्य तालिबानियों के मुकाबले कम कट्टर माना जाता है.

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ये हैं तालिबान के पुराने चेहरे

मुल्ला मोहम्मद उमर: तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर ने वर्ष 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार का नेतृत्व किया था.

जलालुद्दीन हक्कानी: हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन हक्कानी तालिबान से भी जुड़ा था. वर्ष 2018 में उसकी मौत हो गयी.

वली अहमद मुत्तवकील: तालिबान की पहली सरकार का जाना-माना चेहरा और विदेश मंत्री था वली अहमद मुत्तवकील.

मुल्ला मोहम्मद फजल: तालिबान सरकार में उप-रक्षा मंत्री था. तालिबान के शासन का पतन होने के बाद उसे ग्वांतानामो जेल में बंद किया गया था.

खैरुल्लाह खैरख्वाह: तालिबान सरकार का आंतरिक मंत्री (इंटीरियर मिनिस्टर) ग्वांतानामो फाइव का हिस्सा था. वह दुर्रानी जनजाति का है.

Posted By: Mithilesh Jha

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