बातचीत के लिए पाकिस्तान को नहीं भेजा संदेश, पीएम इमरान के सुरक्षा सलाहकार का दावा मनगढ़ंत : भारत
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने वार्ता के लिए पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं भेजा है. इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेष सलाहकार का दावा ''भ्रामक'' तथा ''मनगढ़ंत'' है.
नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत ने वार्ता के लिए पाकिस्तान को कोई संदेश नहीं भेजा है. इस संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेष सलाहकार का दावा ”भ्रामक” तथा ”मनगढ़ंत” है. इसने कहा कि आतंकवाद को इस्लामाबाद का समर्थन और नयी दिल्ली के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल सामान्य पड़ोसी संबंधों के लिए माहौल को अनुकूल नहीं करते.
मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के विशेष सलाहकार मोईद यूसुफ का यह दावा ”भ्रामक” तथा ”मनगढ़ंत” है कि भारत ने वार्ता के लिए संदेश भेजा है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का यह दावा वहां की सरकार की विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने तथा हर रोज भारत को सुर्खियों में लाकर वहां के लोगों को गुमराह करने का प्रयास है.
यूसुफ ने एक भारतीय समाचार वेबसाइट को दिये साक्षात्कार में दावा किया था कि भारत ने वार्ता की इच्छा व्यक्त करने के लिए पाकिस्तान को संदेश भेजा था. उन्होंने इस दौरान कश्मीर तथा अन्य मुद्दों पर भी बात की. श्रीवास्तव ने यूसुफ की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ”तथाकथित संदेश के बारे में, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हमारी तरफ से ऐसा कोई संदेश नहीं भेजा गया. हमने एक भारतीय मीडिया प्रतिष्ठान को पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए साक्षात्कार संबंधी खबरें देखी हैं. उन्होंने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ”हमेशा की तरह, यह पाकिस्तान का अपनी मौजूदा सरकार की घरेलू विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने तथा हर रोज भारत को सुर्खियों में लाकर वहां के लोगों को गुमराह करने का प्रयास है.” श्रीवास्तव ने कहा कि इस अधिकारी को सलाह दी जाती है कि वह अपनी सलाह अपने प्रतिष्ठान तक सीमित रखें और भारत की घरेलू नीति पर टिप्पणी न करें.
उन्होंने कहा, ”उनके (पाकिस्तानी अधिकारी) द्वारा दिये गये बयान जमीनी तथ्यों के विपरीत, भ्रामक और मनगढ़ंत हैं.” श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व भारत के खिलाफ लगातार अनुचित, भड़काऊ और घृणा संबंधी बातें करता रहा है. भारत के खिलाफ आतंकवाद को उसका समर्थन और ”शर्मनाक तथा अभद्र भाषा” का इस्तेमाल सामान्य पड़ोसी संबंधों के लिए माहौल को अनुकूल नहीं बनाते.