17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मॉडर्ना का दावा : एक डोज में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना संक्रमण से मिल जाता है छुटकारा

मॉडर्ना ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया वैक्सीन की कमी से जूझ रही है. दुनिया के अधिकांश देश महामारी को समाप्त करने के लिए वयस्कों को वैक्सीन देने के लिए टीके लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका और कनाडा ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने के लिए फाइजर और बायोनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

वाशिंगटन : अमेरिका की वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने मंगलवार को दावा करते हुए कहा है कि उसकी कोरोना रोधी वैक्सीन की एक डोज ही 12 साल से कम उम्र के बच्चों को संक्रमण से सुरक्षा देने में पूरी तरह से कारगर है. इसके साथ ही, उसने यह भी कहा कि उसकी वैक्सीन अमेरिका में वैक्सीनेशन के लिए दूसरा विकल्प बन सकती है.

मॉडर्ना ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया वैक्सीन की कमी से जूझ रही है. दुनिया के अधिकांश देश महामारी को समाप्त करने के लिए वयस्कों को वैक्सीन देने के लिए टीके लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अमेरिका और कनाडा ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने के लिए फाइजर और बायोनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है.

फ्री प्रेस जर्नल में छपी एक खबर के अनुसार, मॉडर्ना दुनिया की दूसरी वैक्सीन निर्माता कंपनियों से आगे निकलने की होड़ में शामिल है. कयास यह लगाया जा रहा है कि जून महीने की शुरुआत में वह किशोरों पर एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन और दुनिया के दूसरे देशों के दवा नियामकों से उसकी वैक्सीन के इस्तेमाल की खातिर मंजरी मांग सकती है.

खबर के अनुसार, अमेरिका की इस दवा निर्माता कंपनी ने 12 से 17 साल उम्र के करीब 3,700 बच्चों पर अपनी वैक्सीन को लेकर अध्ययन किया है. अध्ययन की शुरुआती रिजल्ट में यह बात सामने आई है कि उसकी ओर से बनाई गई वैक्सीन ने बच्चों में भी वयस्कों की तरह से इम्यूनिटी को बढ़ाया है. इन बच्चों में भी गले में खराश, सिरदर्द और थकाने जैसे लक्षण पाए गए थे.

कंपनी की ओर से जारी एक बयान में यह कहा गया है कि उसकी वैक्सीन की पहली खुराक देने के दो हफ्ते बाद करीब 93 फीसदी तक प्रभावी साबित हुई. इसमें उसने यह भी कहा है कि जिन बच्चों को प्रयोग के तौर पर टीका लगाया गया, उन चार मामलों में से दो में कोरोना के कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे थे.

हालांकि, बड़ी उम्र के लोगों के मुकाबले बच्चों को कोरोना से संक्रमित होने की आशंका न के बराबर है. अमेरिका में करीब 14 फीसदी बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आए हैं. अमेरिकन एकेडमी ऑफ पैडियाट्रिक्स के आंकड़ों के अनुसार, अकेले अमेरिका में कम से कम 316 बच्चों की मौत कोरोना से हुई है.

Also Read: ‘देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी, कहीं वैक्सीन की उपलब्धता नहीं तो कहीं आपूर्ति सीमित’

Posted by : Vishwat Sen

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें