होबार्ट : ऑस्ट्रेलियाई द्वीप तस्मानिया के समुद्री तट पर बुधवार को करीब 230 पायलट व्हेल मछलियां फंसी हुई पाई गई हैं. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, तस्मानिया के समुद्री तट पर फंसी 230 मछलियों में से करीब आधे से अधिक की मरने की आशंका है. ऑस्ट्रेलिया के जैव संसाधन और पर्यावरण विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि करीब 230 पायलट व्हेल मछलियों का एक समूह मैक्यूरी हार्बर पर फंस गया है. ऐसा लगता है कि इन समुद्री जीवों में में से केवल आधे ही जिंदा हैं. हवाई तस्वीरों में दिखता है कि दर्जनों काली चमकीली बड़ी स्तनपाई मछलियां समुद्र के किनारे पानी में पड़ी हुई हैं.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, आज से करीब दो साल पहले भी इसी तस्मानिया के समुद्री तट पर करीब 500 की बड़ी संख्या में पायलेट व्हेल मछलियां फंस गई थीं. उस वक्त भी इनमें से केवल 100 व्हेल मछलियों को ही बचाया जा सका था. इतनी बड़ी संख्या में व्हेल मछलियों के समुद्र के किनारे आ जाने के असली कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि समुद्री जीवों में पायलट व्हेल मछलियां काफी सामाजिक और मिलनसार किस्म की होती हैं और वे बहुत जल्द ही रास्ता भटक भी जाती हैं.
वैज्ञानिकों की मानें, तो पायलट व्हेल मछलियों की लंबाई करीब छह मीटर यानी 20 फीट के आसपास होती है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि अपने कुनबे के किसी एक साथी के खतरे में फंसे होने की वजह से वे उसे बचाने के ख्याल से वे समुद्र के किनारे आ गई होंगी या फिर किसी अन्य समुद्री हलचल की वजह से ये मछलियां तट के नजदीक पहुंच गई होंगी. वैज्ञानिकों का कहना है कि वे तट के बहुत करीब भोजन तलाशने की फिराक में भी पहुंच गई होंगी.
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अधिकारियों का कहना है कि समुद्रीजीव संरक्षण विशेषज्ञ और व्हेल बचाव कर्मचारी जरूरी बचाव सामान लेकर मौके पर पहुंच गए हैं. इससे पहले इस हफ्ते की शुरुआत में तस्मानिया के ही दूर दराज के समुद्री तट पर 14 स्पर्म व्हेल मरी पाई गई थीं. राज्य सरकार की संरक्षण एजेंसी के वन्यजीव विज्ञानी क्रिस कार्लियन ने स्थानीय अखबार को बताया कि युवा व्हेल मछलियों की मौत एक दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा भी संभव है कि वे मछलियां भोजन की तलाश में निकली हों और ज्वार-भाटा में फंसकर समुद्र के किनारे आ गई हों. कार्लियन ने कहा कि कोई ने कोई बड़ा कारण तो है, जिससे ये मछलियां समुद्र के किनारे फंस गई हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन मछलियों के लिए बचाव कार्य की शुरुआत कर दी गई है.