Attack: नाइजीरिया में मस्जिद पर हमला, बंदूकधारियों ने 19 मुस्लिम उपासकों का अपहरण, जानें विस्तार से

Attack On Mosque: इस हमले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सभी अपहरणकर्ताओं का पीछा किया और उपासकों में से छह को उनके अपहरणकर्ताओं से बचाने में सफल रहे, जबकि शेष 13 को मुक्त करने के प्रयास चल रहे हैं.

By Aditya kumar | December 5, 2022 9:49 AM
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Attack On Mosque: नाइजीरिया के उत्तर पश्चिम में एक मस्जिद पर हमला हुआ है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने बीते रविवार को बताया कि कुछ बंदूकधारियों ने एक मस्जिद पर हमला करते हुए करीब 19 मुस्लिम उपासकों का अपहरण कर लिया है. इस मामले पर मीडिया सूत्रों से पुलिस प्रवक्ता गंबो इसाह ने बातचीत के क्रम में कहा कि हमलावरों ने शनिवार को शाम की नमाज के दौरान कैटसिना राज्य के मैगामजी गांव में मस्जिद पर धावा बोल दिया और इमाम और एक अन्य उपासक को गोली मारने और घायल करने के बाद अपहरण को अंजाम दिया.

उपासकों में से छह को अपहरणकर्ताओं से बचाने में सफलता मिली

आगे उन्होंने बताया कि इस हमले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और सभी अपहरणकर्ताओं का पीछा किया और उपासकों में से छह को उनके अपहरणकर्ताओं से बचाने में सफल रहे, जबकि शेष 13 को मुक्त करने के प्रयास चल रहे हैं.” पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि अपराधियों की गिरफ्त से निकाले गए छह लोगों में से दो घायल हुए है जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है.

क्या करते है स्थानीय डाकू?

उत्तर पश्चिमी और मध्य नाइजीरिया को स्थानीय डाकुओं के आपराधिक गिरोहों द्वारा आतंकित किया गया है, जो गांवों में छापे मारते हैं, मवेशियों की चोरी करते हैं, फिरौती के लिए अपहरण करते हैं और आपूर्ति लूटने के बाद घरों को जला देते हैं. गिरोहों को फिरौती देने के बाद बंधकों को आमतौर पर रिहा कर दिया जाता है, जो विशाल रुगु वन में शरण लेते हैं. यह कैटसिना सहित उत्तर-पश्चिम नाइजीरिया में चार राज्यों में फैला हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि पिछले महीने, पड़ोसी कडुना राज्य के गांवों में डाकुओं के सिलसिलेवार हमलों में 15 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.

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पूर्वोत्तर में डाकुओं और जिहादियों के बीच एक गठजोड़

नाइजीरियाई राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी पर अपने आठ साल के कार्यकाल के अंत में अगले साल कार्यालय छोड़ने से पहले हिंसा को समाप्त करने के लिए अत्यधिक दबाव था. पूर्वोत्तर में डाकुओं और जिहादियों के बीच एक गठजोड़ को लेकर चिंता बढ़ रही है, जो खलीफा की स्थापना के लिए 12 साल से विद्रोह कर रहा है.

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