मलेशिया में राजनीतिक संकट के बीच नये ने ली प्रधानमंत्री पद की शपथ

मलेशिया में पूर्व गृह मंत्री मोहिउद्दीन यासीन ने रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली जिससे घोटालों से घिरी पार्टी सत्ता में लौट आयी है.

By Utpal Kant | March 1, 2020 2:35 PM

कुआलालंपुरः मलेशिया में पूर्व गृह मंत्री मोहिउद्दीन यासीन ने रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली जिससे घोटालों से घिरी पार्टी सत्ता में लौट आयी है. पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इस कदम को गैरकानूनी बताते हुए इसकी आलोचना की है. मोहिउद्दीन यासीन ने कुआलालंपुर में देश के राजमहल में पद की शपथ ली जिससे पूर्व सत्तारूढ़ गठबंधन के टूटने और महातिर के इस्तीफे के बाद एक सप्ताह से चल रहा राजनीतिक संकट खत्म हो गया.

दक्षिणपूर्वी एशियाई देश में सत्ता का संकट उस वक्त पैदा हुआ जब महातिर और अनवर इब्राहिम का सत्तारूढ़ “पैक्ट ऑफ होप” गठबंधन एक हफ्ते पहले टूट गया. इस गठबंधन ने दो साल पहले नजीब रजाक की सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. इसके बाद दुनिया के सबसे उम्रदराज नेता महातिर (94) ने इस्तीफा दे दिया जिससे प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ शुरू हुई जिसे यासीन ने जीत लिया. उनके गठबंधन में देश के जातीय मलय मुस्लिम बहुसंख्यक की संख्या अधिक है.

राजमहल द्वारा मोहिउद्दीन को नेता घोषित करने के फैसले से महातिर के सहयोगी सकते में हैं. उन्होंने दावा किया कि महातिर के पास सत्ता में लौटने के लिए पर्याप्त समर्थन है और इस फैसले से यह आक्रोश भी पैदा हो गया कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को मनमाने तरीके से कभी भी खारिज किया जा सकता है.

मोहिउद्दीन के गठबंधन में देश के मुस्लिम बहुल लोगों का वर्चस्व है और इसमें घोटालों के आरोपों से घिरी पूर्व नेता नजीब रजाक की पार्टी यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गनाइजेशन (यूएमएनओ) भी शामिल हैं. पूर्व में महातिर के सहयोगी रहे मोहिउद्दीन ने सत्ता में आने की चाह में यूएमएनओ से हाथ मिलाया. उनके गठबंधन में कट्टर मुस्लिम पार्टी भी शामिल है जो इस्लामी कानूनों पर जोर देती है.

Next Article

Exit mobile version