अफगानिस्तान में नयी घोषित होनेवाली अफगान सरकार का नेतृत्व मुल्ला बरादर करेंगे. मुल्ला बरादर का पूरा नाम मुल्ला अब्दुल गनी बरादर है. उसने अपने बहनोई मुल्ला उमर के साथ मिलकर तालिबान की स्थापना की थी.
Mullah Baradar | social media
करीब 20 साल बाद पहली बार अफगानिस्तान पहुंचने के बाद तालिबान का दूसरे नंबर के नेता बने. मुल्ला बरादर दोहा में राजनीतिक कार्यालय का भी प्रमुख है.
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मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को साल 2010 में पाकिस्तान के कराची में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश और तालिबान के साथ डील होने के बाद पाकिस्तान ने 2018 में रिहा कर दिया था.
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पाकिस्तान के जेल से मात्र तीन साल पहले रिहा होने के बाद तालिबान नेता अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे युद्ध का निर्विवाद विजेता बनकर उभरा है.
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तालिबान प्रमुख हैबतुल्लाह अखुंदजादा के बाद मुल्ला बरादर दूसरे नंबर का नेता है. इसके बावजूद मुल्ला बरादर को तालिबान का हीरो माना जा रहा है.
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तालिबान ने 1996 से 2001 तक शासन करते समय शरिया या इस्लामी कानून का कट्टरपंथी रूप लागू किया था. हालांकि, इस बार दुनिया के सामने उदार चेहरा पेश करने की कोशिश की है.
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