मुल्ला बरादर पर बरसे लात घूंसे, तालिबान में फूट, हक्कानी के हाथ में हुकूमत!
काबुल में हक्कानी नेटवर्क का वर्चस्व इतना बढ़ गया है कि उसके एक कमांडर ने बरादर पर ताल घूंसे बरसा दिए. साफ है कि जिस शख्स ने तालिबान को सत्ता के शीर्ष पर बिठाया उसी को आज सत्ता से बेदखल कर दिया जा रहा है.
तालिबान को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाने वाले मुल्ला अब्दुल गनी बरादर पर जमकर बरसाये गये लात घूंसे. मीडिया में खबर है कि उसकी राष्ट्रपति भवन में ही जमकर पिटाई हुई. काबुल में हक्कानी नेटवर्क का वर्चस्व इतना बढ़ गया है कि उसके एक कमांडर ने बरादर पर ताल घूंसे बरसा दिए. साफ है कि जिस शख्स ने तालिबान को सत्ता के शीर्ष पर बिठाया उसी को आज सत्ता से बेदखल कर दिया जा रहा है.
दरअसल, 20 साल बाद अमेरिका की सेना के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद तालिबान ने फिर से काबुल पर कब्जा जमा लिया. अब तालिबान ने सरकार भी गठन कर लिया है. नई सरकार में मुल्ला बरादर को डिप्टी सीएम बनाया गया. लेकिन इस बीच हक्कानी और बरादर के बीच की खाई बढ़ती गई. सत्ता में ज्यादा रुतबा और ताकत की होड़ में हक्कानी बरादर पर भारी पड़ने लगा और अब खबर है कि बरादर का लात घूंसे से पिटाई की गई है.
मौत की खबर को बरादर ने किया था खारिज: गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले खबर आयी थी कि, बरादर की मौत हो गई है. अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद ही संघर्ष की बात सामने आने लगे थे. काबुल से हिंसक झड़प और गोलीबारी की बात कही गई. जिसमें दावा किया गया कि हिंसक झड़प में बरादर घायल हो गया है. कई जगहों पर तो उसके मौत के दावे भी किए गए. हालांकि, बाद में एक ऑडियो जारी कर बरादर ने खुद इस दावे को खारिज कर दिया था. बिरादन ने अपने ऑडियो में बताया था कि वो सुरक्षित है और स्वस्थ है.
इस पूरे मामले में पीछे जाएं तो तालिबान से इतर बरादर का एक और चेहरा दिखता है. अमेरिका से हुई शांति वार्ता में वो अगुवा बना था. अमेरिका को भी उम्मीद थी सरकार गठन के बाद बारदर को ही प्रमुख बनाया जाएगा. लेकिन इस बीच जब सरकार का गठन हुआ तो सत्ता के शीर्ष पर मुल्ला मोहम्मद हसन अंखुद को बैठा दिया गया. बरादर के हिस्से डिप्टी सीएम का हद आया. वहीं, हक्कानी समेत दूसरे तालिबानी प्रमुखों को खात ओहदे पर बैठाया गया.
Posted by: Pritish Sahay