Mumbai terror attack : मुंबई हमलों के प्रमुख आरोपियों में शामिल भारत का वांछित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कोरोबारी को प्रत्यर्पित करके फिलहाल भारत नहीं ला जा सकेगा. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि अमेरिका की एक अदालत ने 2008 के मुंबई के आतंकी हमले के वांछित राणा के भारत प्रत्यर्पण पर होने वाली सुनवाई 24 जून तक टाल दिया है. हालांकि, राणा के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई आगामी 22 अप्रैल को की जानी थी.
लॉस एंजिलिस में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जस्टिस जैकलिन चुलजियान ने सोमवार को दिए अपने आदेश में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कोरोबारी 59 साल के तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण से जुड़े केस की सुनवाई 24 जून 2021 तक टाल दिया है. कोर्ट में राणा और अमेरिकी सरकार की तरफ से पेश वकीलों के बीच इस मसले को लेकर आपसी विचार-विमर्श के बाद अदालत ने यह आदेश दिया है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, दोनों पक्ष के वकीलों ने राणा के भारत प्रत्यर्पण से संबंधित मामले में आगामी 24 जून को स्थानीय समय के अनुसार दोपहर बाद 1.30 बजे तक सुनवाई टालने पर अपनी सहमति जाहिर की. इस बीच, खबर यह भी है कि मुंबई आतंकी हमले में शामिल राणा के वकील ने अदालत में अलग से एक याचिका दायर कर उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने का विरोध दर्ज कराया है.
फिलहाल, अमेरिकी सरकार के पास अदालत में जवाब दाखिल करने का 12 अप्रैल तक का समय बचा है. अमेरिका की सरकार ने आतंकी हमले में शामिल तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर अब तक अपना समर्थन जाहिर किया है.
बता दें कि 2008 में मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त है. भारत की ओर से अनुरोध किए जाने पर तहव्वुर राणा को मुंबई के आतंकी हमले में शामिल होने के आरोप में लॉस एंजिलिस में 10 जून को दोबारा गिरफ्तार किया गया था. मुंबई में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 6 अमेरिकी नागरिक समेत 166 लोग मारे गये थे. भारत ने राणा भगोड़ा अपराधी घोषित किया हुआ है.
मीडिया की खबरों के अनुसार, पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य हेडली ने 2008 में मुंबई हमलों की साजिश रचने में अहम भूमिका निभाई थी. हेडली इस मामले में गवाह बन गया था. फिलहाल, वह इस हमले में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में 35 साल जेल की सजा काट रहा है.
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Posted by : Vishwat Sen