म्यांमार में सेना ने किया तख्तापलट, आंग सान सू की समेत कई नेताओं को लिया गया हिरासत में

Myanmar News : भारत के बेहद करीबी देश देश म्यांमार से बड़ी खबर आई है. म्यांमार में सत्ता के तख्तापलट हो गया है. न्यूज एजेन्सी ANI ने रॉयटर्स के हवाले से बताया है कि म्यांमार की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की (Myanmar leader Aung San Suu Kyi) को सेना ने हिरासत में ले लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2021 8:44 AM

Myanmar News : भारत के बेहद करीबी देश देश म्यांमार से बड़ी खबर आई है. म्यांमार में सत्ता के तख्तापलट हो गया है. न्यूज एजेन्सी ANI ने रॉयटर्स के हवाले से बताया है कि म्यांमार की सबसे बड़ी नेता आंग सान सू की (Myanmar leader Aung San Suu Kyi) को सेना ने हिरासत में ले लिया है. म्यांमार की सेना ने राष्ट्रपति विन मिंट और सत्तारूढ़ पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में ले लिया है.

बता दें कि म्यांमार में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी की सरकार है. अभी हाल ही में चुनाव के बाद वहां सरकार और शक्तिशाली सेना के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा था. इसके बाद सेना की तरफ से यह बड़ा कदम उठाया गया. जानकारी के मुताबिक म्यांमार में हुए चुनाव में नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को जीत हासिल हुई थी, जिसपर सेना ने धांधली का आरोप लगाया था. सत्ताधारी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है.

बताया जा रहा है कि तख्तापलट के बाद वहां सभी संचार लाइनों को काट दिया गया है. संचार लाइन कटने से नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी पार्टी की अपने लोगों से बात नहीं कर पा रही है. आपको बता दें कि म्यांमार में एक दशक पहले तक करीब 50 साल तक सैन्य शासन रहा था. उसके बाद की पार्टी ने चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी और वहां लोकतंत्र बहाल हो गया था. गौरतलब है कि खबरों की माने तो म्यांमार के संसद सत्र के पहले ही सेना को चेतावनी देते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान वोटों में गड़बड़ी पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह ऐक्शन ले सकती है.

म्यांमार की घटना पर अमेरिका ने हैरानी जतायी है और साथ ही सेना की आलोचना की है. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि म्यांमार की सेना ने स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और अन्य नागरिक अधिकारियों के हिरासत में लेकर लोकतंत्र को कमजोर किया है. राष्ट्रपति बिडेन को हमने इस घटना के बारे में जानकारी दी है. हम म्यांमार के लोकतांत्रिक संस्थानों के लिए अपने मजबूत समर्थन का ऐलान करते हैं. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता ने कहा कि हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और बर्मा के लोगों के साथ खड़े हैं.

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