नेपाल के लिए रविवार का दिन बेहद दुखद रहा. मध्य नेपाल के रिसॉर्ट शहर पोखरा में सेती नदी के तट पर यति एअरलाइंस के 9एन-एएनसी एटीआर-72 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गयी, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई. विमान में 72 लोग सवार थे, जिनमें पांच भारतीय नागरिक भी शामिल थे. विमान में चालक दल के चार सदस्य थे. हादसे के पीछे क्या वजह थी, इसकी फिलहाल जांच चल रही है.
नेपाल प्लेन क्रैश के पीछे क्या थी वजह
नेपाल में रविवार सुबह हुए विमान हादसे के लिए मानवीय भूल, विमान प्रणाली में खराबी या पायलट की थकान जिम्मेदार हो सकती है. विमान हादसों की जांच करने वाले एक विशेषज्ञ ने यह बात कही है. उन्होंने यह भी कहा कि हादसे की असल वजह घटना की विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ सकेगी.
हादसे से पहले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
विमान हादसों की जांच करने वाले एक विशेषज्ञ ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल हादसे के कथित वीडियो में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होकर नदी घाटी में गिरने से पहले इसके अगले हिस्से को ऊपर की तरफ उठते और फिर पंखों को बाईं तरफ झुकते देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि वीडियो से स्पष्ट है कि हादसे के समय आसमान साफ था और मौसम खराब नहीं था. ऐसे में दुर्घटना के पीछे की वास्तविक वजह विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ सकेगी. विशेषज्ञ ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इस विमान हादसे के लिए मानवीय भूल, विमान प्रणाली में खराबी या पायलट की थकान जिम्मेदार हो सकती है.
सोमवार को सभी नियमित उड़ानें रद्द
एअरलाइंस के मुताबिक सोमवार को सभी नियमित उड़ानें रद्द कर दी गयीं हैं. केवल आपातकालीन और बचाव उड़ानें ही संचालित होंगी. यति एअरलाइंस ने ट्वीट किया, हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि यति एअरलाइंस 9एन-एएनसी एटीआर-72 500 की दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के शोक में यति एअरलाइंस की 16 जनवरी 2023 की सभी नियमित उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. हालांकि, आपातकालीन और बचाव उड़ानें फिर से शुरू होंगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाल विमान हादसे पर शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि वह नेपाल में हुए विमान हादसे से दुखी हैं, जिसमें भारतीय नागरिकों सहित कई लोगों की जान चली गई. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, नेपाल में दुखद विमान दुर्घटना से दुखी हूं, जिसमें भारतीय नागरिकों सहित कई बहुमूल्य जानें चली गईं. दुख की इस घड़ी में मेरे विचार और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.