Nepal PM Floor Test: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली (Nepal PM K P Sharma Oli) सोमवार को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत प्रस्ताव हार गये हैं. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के ओली सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद ओली को निचले सदन में बहुमत साबित करने की जरूरत पड़ी. बहुमत साबित करने के लिए सोमवार को संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था. फ्लोर टेस्ट से पहले ही ओली ने पार्टी नेताओं और काडर से एकजुट होने की अपील की थी.
राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी के निर्देश पर प्रतिनिधि सभा का विशेष सत्र बुलाया गया था. पीएम ओली की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में केवल 93 मत मिले, जबकि 124 सदस्यों ने इसके खिलाफ मत दिया. बता दें कि नेपाल में राजनीति संकट पिछले साल 20 दिसंबर को तब शुरू हुआ जब राष्ट्रपति भंडारी ने प्रधानमंत्री ओली की अनुशंसा पर संसद को भंग कर 30 अप्रैल और 10 मई को नये सिरे से चुनाव कराने का निर्देश दिया.
मीडिया में ऐसी खबरें आ रही थी कि पार्टी के वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनाल के नेतृत्व वाला नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) का विरोधी गुट विश्वास प्रस्ताव से पहले इस्तीफा दे सकता है. इसके बाद ओली ने अपील की थी कि वे इस्तीफे जैसे कदम न उठाएं और एकजुटता का परिचय दें. ओली ने विश्वासमत से पहले सदन में अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनायी.
ओली को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में विश्वासमत जीतने के लिए 136 मतों की जरूरत थी. चार सदस्य निलंबित हैं. ओली 136 मत नहीं जुटा पाएं और इस प्रकार वे विश्वासमत साबित करने में नाकाम रहे. वहीं, मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने ओली की सरकार को देश में अराजक स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है. कोविड-19 संकट पर भी ओली सरकार को विपक्ष ने घेरा था.
नेपाली कांग्रेस ने पहले ही प्रतिनिधि सभा में ओली के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया था. इसके साथ ही चौथे सबसे बड़े गुट जनता समाजवादी पार्टी ने भी अनुपस्थित रहने या विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने का फैसला किया था. अब जबकि ओली विश्वासमत हासिल करने में नाकाम रहे हैं तो नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी केंद्र उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.