Nepal: पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड की अग्नि परीक्षा आज, कुर्सी जाएगी या बचेगी, फ्लोर टेस्ट से होगा फैसला
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को संसद में बहुमत इसलिए साबित करना पड़ रहा है, क्योंकि नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एमाले) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (राप्रपा) के सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के लिए आज फैसले का दिन है. उन्हें संसद में अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा. आज फैसला हो जाएगा कि उनकी कुर्सी रहेगी या फिर चली जाएगी. संसद में आज उन्हें विश्वास मत हासिल करना होगा.
एमाले और राप्रपा के समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को फ्लोर टेस्ट का करना पड़ रहा सामना
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को संसद में बहुमत इसलिए साबित करना पड़ रहा है, क्योंकि नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (एमाले) और राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (राप्रपा) के सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.
नेपाली कांग्रेस ने समर्थन का किया ऐलान
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड के लिए बड़ी राहत की बात है कि नेपाली कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. कांग्रेस ने संसद में विश्वास मत में पीएम का साथ देने और सरकार में शामिल होने को लेकर व्हिप जारी कर दिया है.
पांच हजार लोगों की हत्या की बात कबूलने पर प्रचंड के खिलाफ जांच के लिए रिट याचिका दायर
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के खिलाफ मंगलवार को देश के उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की गयी, जिसमें उन्हें कई वर्ष तक चले माओवादी विद्रोह के दौरान 5,000 लोगों की हत्या की जिम्मेदारी कबूल करने पर उनसे पूछताछ करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है. दरअसल प्रचंड ने काठमांडू में माघी महोत्सव के दौरान कहा था, मैं 17,000 लोगों की हत्या का आरोपी हूं, जो सच नहीं हैं. हालांकि, मैं संघर्ष के दौरान 5,000 लोगों के मारे जाने की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि बाकी 12,000 लोगों को सामंतवादी सरकार ने मारा. विद्रोह की शुरुआत 13 फरवरी, 1996 को हुई थी और 21 नवंबर, 2006 को तत्कालीन सरकार के साथ समग्र शांति समझौते के बाद यह आधिकारिक रूप से समाप्त हुआ.
अगले महीने प्रचंड आयेंगे भारत
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल प्रचंड की कुर्सी अगर बच जाती है, तो उनके अगले महीने आधिकारिक यात्रा पर भारत आने की संभावना है. पिछले साल दिसंबर में तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद प्रचंड का यह पहला विदेशी दौरा होगा.