नेपाल पुलिस का दावा : 4 हफ्तों में 22 हजार राशन कार्डधारी नेपाली मजदूरों ने भारत में किया प्रवेश
कोरोना महामारी का असर भारत समेत दुनिया भर में दिखना शुरू हो गया है. चीन के उकसावे में भारत के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले पड़ोसी देश नेपाल के प्रवासी मजदूरों के पास दवा, इलाज और भोजन तक के पैसे नहीं हैं. आलम यह कि नेपाल में पूरी तरह से पैर पास चुकी कोरोना महामारी के बावजूद वहां से करीब 22,000 से अधिक प्रवासी नेपाली मजदूर भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन प्रवासी नेपाली मजदूरों के पास भारत का राशन कार्ड भी मौजूद है.
काठमांडू : कोरोना महामारी का असर भारत समेत दुनिया भर में दिखना शुरू हो गया है. चीन के उकसावे में भारत के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले पड़ोसी देश नेपाल के प्रवासी मजदूरों के पास दवा, इलाज और भोजन तक के पैसे नहीं हैं. आलम यह कि नेपाल में पूरी तरह से पैर पास चुकी कोरोना महामारी के बावजूद वहां से करीब 22,000 से अधिक प्रवासी नेपाली मजदूर भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. दिलचस्प बात यह है कि इन प्रवासी नेपाली मजदूरों के पास भारत का राशन कार्ड भी मौजूद है.
नेपाल पुलिस के हवाले से मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, करीब 22,000 नेपाली प्रवासी मजदूर नेपगंज सीमा क्षेत्र में काम करने के लिए नेपालगंज सीमा बिंदु के माध्यम से पिछले चार हफ्तों में भारत के लिए रवाना हो चुके हैं. द हिमालयन टाइम्स ने जमुनाहा पुलिस कार्यालय नेपालगंज में एसआई बिष्णु गिरी के हवाले से खबर दी है कि मजदूर लंबे समय तक लॉकडाउन के बाद भारत के लिए रवाना हो गए हैं. कोविड-19 की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है.
हालांकि, एसआई गिरी यह भी बताते हैं कि कुल 76,048 प्रवासी श्रमिक नेपालगंज सीमा बिंदु के माध्यम से 15 सितंबर तक नेपाल वापस भी लौट गए हैं. उनके मुताबिक, लगभग 40,000 भारतीय नागरिक सीमा के माध्यम से एक ही समय के दौरान घर लौट आए. गिरि ने कहा कि राशन कार्ड रखने वाले नेपालियों ने काम की तलाश में भारत वापस जाना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इलाज, दवा खरीद और मरीजों से मिलने के लिए सीमा के माध्यम से देश में प्रवेश करने और बाहर निकलने की अनुमति दी गई है.
हिमालयन टाइम्स ने गिरि के हवाले से लिखा है कि हमने सिफारिश पत्र और पहचान पत्र के आधार पर नेपाल-भारत सीमा पर लोगों की आवाजाही की अनुमति दी है. भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने नेपालगंज सीमा बिंदु पर नेपालियों के प्रवेश पर सख्ती कर दी. बिना भारतीय पहचान पत्र के कई लोग कैलाली के त्रिनगर सीमा बिंदु से भारत जाने लगे. डांग, बांके, बरदिया, जजरकोट, सुरखेत, दलेलेख, जुमला, सल्यान, रुकुम और कलिकोट के लोग काम की तलाश में भारत जाते हैं.
Posted By : Vishwat Sen