Nepal Political Crisis : नेपाल के सियासी संकट में चीन घुसा रहा अपनी नाक, जानिए क्या है ड्रैगन की साजिश
Nepal Political Crisis : नेपाल की सत्तारूढ़ कम्यूनिष्ट पार्टी दो भागों में विभाजित नजर आ रही है, जिसमें एक हिस्सा oli समर्थक है तो दूसरा हिस्सा prachanda समर्थक है. इस विभाजन से नेपाल में तो राजनीतिक संकट बन गया है. prachanda vs oli
नेपाल की सत्तारूढ़ कम्यूनिष्ट पार्टी दो भागों में विभाजित (Nepal political crisis) नजर आ रही है, जिसमें एक हिस्सा ओली समर्थक है तो दूसरा हिस्सा प्रचंड समर्थक है. इस विभाजन से नेपाल में तो राजनीतिक संकट बन गया है. इसी बीच चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के एक उपमंत्री के नेतृत्व में चार सस्यीय एक टीम काठमांडू आयेगी. माना जा रहा है कि यह चीन का यहां की जमीनी स्थिति का आकलन करने और सत्ताधारी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) में बिखराव रोकने का एक प्रयास है.
आपको बता दें कि नेपाल में तब एक राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया जब राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सिफारिश पर रविवार को प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया और मध्यावधि चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी. इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी के एक धड़े में विरोध उत्पन्न हो गया. सत्ताधारी एनसीपी प्रधानमंत्री ओली और कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाले गुटों के बीच विभाजित प्रतीत हो रही है, इसका गठन दो साल पहले ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन-माओवादी सेंटर के बीच विलय से हुआ था.
‘काठमांडू पोस्ट’ अखबार के अनुसार एनसीपी के कम से कम दो नेताओं ने पुष्टि की कि चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के अंतरराष्ट्रीय विभाग के वाइस मिनिस्टर गुओ येझोऊ यहां पहुंच रहे हैं. अखबार ने एनसीपी के दोनों धड़ों के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए, गुओ काठमांडू में चाइना सदर्न एयरलाइंस की एक नियमित उड़ान से उतरेंगे.
समाचार पत्र के अनुसार माना जा रहा है कि चीन का यह कदम बीजिंग द्वारा जमीनी स्थिति का आकलन करने के एक प्रयास है. एनसीपी के प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट के विदेश मामलों के विभाग के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल ने कहा कि चीनी पक्ष ने गुओ की काठमांडू यात्रा के बारे में जानकारी दी है. समाचार ने रिजाल के हवाले से कहा कि मेरे पास इस समय आपके साथ साझा करने के लिए अधिक जानकारी नहीं है. अखबार ने कहा कि काठमांडू में चीनी दूतावास ने उसके द्वारा की गई कई कॉल और संदेश का जवाब नहीं दिया. समाचार पत्र ने सत्तारूढ़ पार्टी के सूत्रों का हवाले कहा कि काठमांडू में अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान, चीनी उप मंत्री का पार्टी के दोनों गुटों के शीर्ष नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है. यह घटनाक्रम नेपाल में चीनी राजदूत होऊ यान्की द्वारा प्रचंड और माधव नेपाल सहित एनसीपी के शीर्ष नेताओं के साथ कई बैठकों के बाद आया है. माधव नेपाल पार्टी के प्रचंड नीत धड़े के नये अध्यक्ष बने हैं.
समाचारपत्र ने रिजाल के हवाले से कहा कि शुक्रवार को माधव नेपाल के साथ अपनी बैठक के दौरान, राजदूत होऊ सत्तारूढ़ पार्टी में विभाजन को लेकर चिंतित थीं. उन्होंने अन्य बातों के अलावा सत्तारूढ़ पार्टी के भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में जानकारी ली. होऊ ने गुरुवार को प्रचंड से मुलाकात की, जो प्रधानमंत्री ओली को पार्टी के संसदीय नेता और अध्यक्ष के पद से हटाने के बाद सत्ता पक्ष पर नियंत्रण का दावा करते हैं. समाचार पत्र ने कहा कि होऊ ने स्थायी समिति के सदस्य और पूर्व ऊर्जा मंत्री बरशा मान पुने से भी गुरुवार को मिली थी.
Posted By : Amitabh Kumar