काठमांडू : नेपाल की निचली सदन ने भारतीय सीमा लिपुलेख और कालापानी से नक्शा संबंधित प्रस्ताव को पास कर दिया है. प्रस्ताव के समर्थन में 258 वोट पड़े, जबकि 12 सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया. प्रस्ताव पास होने के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ और मधेशी सांसद सरिता गिरी को मार्शल ने सदन से बाहर कर दिया. सरिता प्रस्ताव के विरोध में काफी मुखर रही. बता दें कि सरिता गिरी नेपाल सरकार के इस रवैए का शुरू से विरोध कर रही है. सरिता गिरी ने नेपाल सरकार द्वारा प्रस्ताव पास किए जाने को घातक बताया है.
सरिता गिरी द्वारा किए जा रहे इस विरोध को नेपाल के सतारूढ़ दल ने देश के लिए अपमानजनक बताया है और सरिता गिरी पर कार्रवाई की मांग की है. नेपाली कम्युनिस्ट पार्टल के युवा इकाई नेशनल यूथ इकाई ने सरिता गिरी के घर पर पिछले दिनों प्रदर्शन भी किया था. हालांकि सरिता इसके बाद भी अपने स्टैंड पर अड़ी हुई है. लगभग 15 सालों से नेपाल की राजनीति में सक्रिय सरिता गिरी कौन है? जो नेपाल के बहुमत वाली संसद में अकेले भारत के समर्थन में मुखर रहती है. आइये जानते हैं उनके बारे में…
सरिता गिरी के बारे में– वर्तमान में मधेश क्षेत्र की फरसा संसदीय सीट से सांसद सरिता गिरी, गिरिजा प्रसाद कोइराला की सरकार में परिवहन मंत्री भी रह चुकी है. सरिता पहली बार 2009 में किसी सभा के लिए चुनाव जीती. इसके बाद उन्हें मंत्री बनाया गया. हालांकि लाइसेंस घोटाला में नाम सामने आने के बाद कोइराला सरकार से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था.
33 प्रतिशत आरक्षण की कर चुकी है मांग- सरिता गिरी ने नेपाल में महिलाओं को 33 फ़ीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन कर चुकी है. सरिता गिरी अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की मांग करती आई है.
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मधेश के बड़े नेताओं में शुमार- नेपाल को क्षेत्रिय दृष्टिकोण से दो भागों में बांटा जाता है. एक तराई और दूसरा मधेश. सरिता गिरी मधेश क्षेत्र से आती है. सरिता गिरी की पहचान मधेश के बड़े नेताओं में शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि गिरी अभी तक कोई भी चुनाव नहीं हारी है.
संसद में तेजतर्रार वक्ता– नेपाल की प्रतिनिधि सभा में सरिता गिरी की पहचान एक तेजतर्रार वक्ता के रूप में होती है. गिरी पार्टी की ओर से संसद में उपनेता भी है. कई बार संसद में कम्युनिस्ट सरकार के विरोध में अकेले पार्टी का पक्ष रखती है. चिकित्सा विधेयक से लेकर संविधान संशोधन विधेयक के चर्चा के बाद भी सरिता गिरी सुर्खियों में आई थी.
Posted By : Avinish Kumar Mishra