कार्यकाल के पहले ही दिन बाइडेन लेंगे कई बड़े फैसले, कई प्रस्तावों पर लगाएंगे मुहर, सुरक्षा के लिए बुलाए गये हजारों सैनिक
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के पहले ही दिन कई बड़े फैसले लेंगे. उन्होंने शपथ लेने से पूर्व उन कार्यों की सूची तैयार कर ली है, जिसे वे पहले दिन ही पूरा करेंगे. राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही बाइडेन देश के सामने मौजूद चार चुनौतियों- कोविड-19 संकट, आर्थिक संकट, पर्यावरण संबंधी संकट और नस्ली असमानता से निबटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के पहले ही दिन कई बड़े फैसले लेंगे. उन्होंने शपथ लेने से पूर्व उन कार्यों की सूची तैयार कर ली है, जिसे वे पहले दिन ही पूरा करेंगे. राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही बाइडेन देश के सामने मौजूद चार चुनौतियों- कोविड-19 संकट, आर्थिक संकट, पर्यावरण संबंधी संकट और नस्ली असमानता से निबटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे. वहीं, शपथ ग्रहण समारोह के लिए अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन और सभी राज्यों की राजधानियों में सुरक्षा-व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है. हजारों सैनिक वाशिंगटन में तैनात कर दिये गये हैं.
राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही पेरिस समझौते में होंगे शामिल, मुस्लिम देशों से हटायेंगे बैन
व्हाइट हाउस के नवनियुक्त चीफ ऑफ स्टाफ रोन क्लीन ने बताया कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बाइडेन ऐसे समय में कार्यभाल संभाल रहे हैं, जब देश गंभीर संकट से जूझ रहा है. हमारे सामने चार बड़े संकट हैं, जो एक-दूसरे से जुड़े हैं. बाइडेन अपने कार्यकाल के शुरुआती 10 दिनों में इन संकटों से निबटने के लिए निर्णायक कदम उठायेंगे. क्लीन ने कहा कि शपथ ग्रहण के दिन बाइडेन इन संकटों से निबटने के लिए करीब एक दर्जन प्रस्तावों पर हस्ताक्षर करेंगे. बाइडेन पहले ही दिन शिक्षा विभाग से छात्रों के लिए कर्ज के भुगतान पर मौजूदा रोक की अवधि बढ़ायेंगे, पेरिस समझौते में पुन: शामिल होंगे और मुस्लिम देशों पर लगे प्रतिबंध हटायेंगे.
संसद भवन की सुरक्षा सख्त, सैनिक बुलाये गये : वाशिंगटन में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर हजारों सैनिक तैनात कर दिये गये हैं. अमेरिका के सभी 50 राज्यों के विधान भवनों के पास भी सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. एफबीआइ ने अलर्ट जारी किया है कि बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के दिन ट्रंप समर्थक हिंसक प्रदर्शन कर सकते हैं. वाशिंगटन में 25,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया गया है. साथ ही सभी राज्यों के विधान भवनों में भारी भरकम हथियारों से लैस जवानों को तैनात किया गया है.
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कमला हैरिस को शपथ दिलायेंगी पहली लातिन अमेरिकी न्यायमूर्ति सोनिया सोटोमायोर
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बाइडेन ने विदेश मंत्रालय में अहम पद के लिए भारतीय अमेरिकी महिला उजरा जोया को किया नामित
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शपथ ग्रहण समारोह के दिन 80 प्रतिशत तक कार्यक्रम होंगे वर्चुअल
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कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से एक हजार से बारह सौ लोग समारोह में ले सकते हैं हिस्सा
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हर सांसद को सिर्फ दो पास मिले हैं, यानी एक सांसद के साथ सिर्फ एक मेहमान होगा
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सभी मेहमानों के लिए सख्त हेल्थ प्रोटोकॉल जारी किया गया है
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शपथ के बाद बाइडेन और कमला हैरिस एक छोटी सैन्य परेड का औपचारिक निरीक्षण करेंगे
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धन्यवाद भाषण के बाद बाइडेन और हैरिस ‘प्रेसिडेंट एस्कॉर्ट’ में संसद भवन से व्हाइट हाउस जायेंगे
पढ़ने के बाद दस्तावेजों को फाड़ देते थे डोनाल्ड ट्रंप : निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल समाप्त होने में महज चंद दिन बचे हैं, ऐसे में उनके कार्यकाल के दस्तावेजों को संजोने का काम चल रहा है. ट्रंप द्वारा रिकॉर्ड को सही तरीके से संभाल कर नहीं रखे जाने के कारण इनके संकलन में दिक्कत आ रही है. ट्रंप के साथ कार्य कर चुके एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के प्रति लापरवाह रहे. उन्हें दस्तावेजों को बाहर फेंकने से पहले उन्हें फाड़ देने की आदत थी.
इसकी वजह से व्हाइट हाउस के कर्मियों को उन दस्तवेजों को टेप से चिपका कर जोड़ने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ती थी. व्हाइट हाउस के पूर्व दस्तावेज विश्लेषक सोलोमन लार्टे ने कहा कि हमने कई बार उनसे ऐसा नहीं करने को कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा करना बंद नहीं किया. उन्होंने बताया कि ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक के दौरान दुभाषिये द्वारा लिखे नोट को भी जब्त कर लिया था. ट्रंप ने अपने सहयोगी को भी बैठक में नोट लिखने पर फटकार लगायी थी.
दिखेगी भारत की झलक
कोलम रंगोली से होगी बाइडेन और हैरिस के शपथ समारोह की शुरुआत : बाइडेन व कमला हैरिस के शपथ ग्रहण से जुड़े ऑनलाइन समारोह की शुरुआत परंपरागत भारतीय रंगोली के साथ होगी. रंगोली को तमिलनाडु में कोलम के नाम से जाना जाता है. घर के द्वार पर इसे बनाना शुभ माना जाता है. हैरिस की मां मूल रूप से तमिलनाडु की रहनेवाली थीं.
रंगोली के हजारों डिजाइन बनाने के लिए अमेरिका और भारत के 1,800 से अधिक लोगों ने इस ऑनलाइन पहल में हिस्सा लिया. शुरुआत में इसे व्हाइट हाउस के बाहर बनाया जाना था. बाद में इसे कैपिटल हिल के बाहर बनाने की अनुमति दी गयी थी, लेकिन वाशिंगटन में सुरक्षा के कारण यह अनुमति रद्द कर दी गयी. अब ऑनलाइन इसे दिखाया जायेगा.
Posted by: Pritish Sahay