Chinmay Das: बांग्लादेश सरकार ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका मामले में कोर्ट से अधिक समय की मांग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. अदालत में आज उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सरकार की ओर से समय मांगे जाने के कारण अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी तय की गई है.
सुनवाई के दौरान कई वकीलों ने चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका का विरोध किया. इस बीच, खबरें आई हैं कि चिन्मय दास का केस लड़ रहे वकील पर हमला हुआ है. हालांकि, बांग्लादेश सरकार की ओर से इस हमले की पुष्टि अब तक नहीं की गई है. चिन्मय कृष्ण दास को पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था और उनकी गिरफ्तारी के बाद से यह मामला विवादों में है. उनकी जमानत याचिका और उससे जुड़े विरोध ने मामले को और पेचीदा बना दिया है.
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चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कोर्ट में कोई भी वकील पेश नहीं हुआ. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी तय की है. सरकार की ओर से मौजूद वकील ने चिन्मय दास को जमानत दिए जाने का कड़ा विरोध किया. उन्होंने इसके पीछे कारण बताया कि पिछली बार जब चिन्मय दास को सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था, तो उनके समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था. इस हंगामे के दौरान एक सरकारी वकील की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद से चिन्मय दास का मामला बांग्लादेश में तनाव का विषय बन गया है.
आज की सुनवाई के दौरान उनकी ओर से कोई वकील अदालत में उपस्थित नहीं हुआ, जिसके कारण सुनवाई को स्थगित कर दिया गया. चिन्मय दास का मामला बांग्लादेश में अल्पसंख्यक और हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों के बीच चर्चा में आया है. वह उन लोगों में शामिल हैं जो इन मुद्दों पर खुलकर आवाज उठाते हैं.
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इस बीच, कई संगठनों ने भारत सरकार से मदद की अपील की है. हालांकि, भारतीय सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल बांग्लादेश सरकार पर इस मुद्दे को लेकर दबाव डाल सकती है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रहे हमलों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ा दी है.