कोलकाता : पश्चिम बंगाल में लश्कर-ए-तैयबा की एक संदिग्ध महिला आतंकवादी के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. एनआइए ने कोलकाता की एक अदालत में लश्कर-ए-तैयबा की संदिग्ध सदस्य तानिया परवीन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है, जो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर विभिन्न आतंकवादी संगठनों के संपर्क में थी.
कोर्ट में दायर की गयी 850 पन्नों के आरोप पत्र में एनआइए ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बादुरिया के एक कॉजेल की छात्रा परवीन (21) सोशल मीडिया पर 70 जिहादी समूहों के संपर्क में थी. एजेंसी ने अपने दावों के समर्थन में विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसकी बातचीत के अंश भी जमा कराये हैं.
एनआइए के वकील श्यामल घोष ने बताया कि अदालत दोनों पक्षों को सुनने के बाद उसके खिलाफ आरोप तय करेगी और उसके बाद मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी. कोलकाता स्थित मौलाना आजाद कॉलेज में अरबी भाषा की एमए की इस छात्रा को कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मार्च, 2020 में भारत-बांग्लादेश की सीमा के पास स्थित बादुरिया से गिरफ्तार किया था.
तानिया परवीन के खिलाफ आइपीसी की अलग-अलग धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उस पर देशद्रोह, धार्मिक उन्माद फैलाने और आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप लगाये गये थे. एमए फर्स्ट ईयर की 21 वर्षीय तानिया को भारत-बांग्लादेश की सीमा से गिरफ्तार किया गया था. कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के जरिये वह लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद के संपर्क में थी.
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उसकी गिरफ्तारी के वक्त बताया गया था कि वह मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के चीफ अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद के साथ-साथ अन्य आतंकवादी संगठनों से भी फेसबुक पर जुड़ी हुई है. कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ भारत की संवेदनशील सूचनाएं एकत्र करने के लिए इस युवती का इस्तेमाल हनीट्रैप के लिए कर रही थी.
तानिया परवीन को उत्तर 24 परगना जिला के बादुरिया थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव मवालीपुर से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया था कि गिरफ्तारी से पहले लंबे अरसे तक तानिया पर नजर रखी गयी थी. पुलिस को परवीन की गतिविधियों के बारे में उस वक्त शक हुआ, जब उसके खाते में अवैध तरीके से करोड़ों रुपये के लेन-देन हुए. तानिया पर आरोप है कि वह युवाओं को लश्कर से जोड़ने के लिए प्रेरित करती थी.
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Posted By : Mithilesh Jha