रांची/हजारीबाग : झारखंड के डिटेंशन सेंटर से भागे म्यांमार के शरणार्थी का 36 घंटे बाद भी सुराग नहीं मिला है. हजारीबाग जिला की पुलिस उसकी तलाश में चारों ओर छापामारी कर रही है. सोमवार (14 सितंबर, 2020) को पुलिस ने उसकी तस्वीर जारी की. जिला के एसपी कार्तिक एस ने कहा कि म्यांमार के नागरिक अब्दुल्ला (27) की तलाश की जा रही है. वह किसी दूसरे जिले में न भाग जाये, इसलिए सभी मार्गों को सील कर दिया गया है.
विदेशी शरणार्थी के फरार होने के बाद जेल प्रशासन ने लौंहसिघना थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. डिटेंशन सेंटर में विदेशी शरणार्थियों की सुरक्षा व निगरानी रखने वाले कर्मियों को 24 घंटे के अंदर जेल अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने कारण बताओ नोटिस किया है. अब पुलिस डिटेंशन सेंटर में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज की जांच कर रही है. इस बात की जांच की जा रही है कि जिस वक्त शरणार्थी भागा, सुरक्षा में तैनात कर्मी क्या कर रहे थे.
जेपी केंद्रीय कारा के डिटेंशन सेंटर में रखे गये चार विदेशी शरणार्थियों को कड़ी सुरक्षा एवं निगरानी में रखा गया था. इन पर नजर रखने के लिए रांची से 10 सुरक्षाकर्मियों की प्रतिनियुक्ति हुई थी. ड्यूटी रोस्टर बनाने की जिम्मेवारी एक सेवानिवृत्त हवलदार गोपाल सिंह को दी गयी थी. हर दो घंटे में विदेशी शरणार्थियों की निगरानी के लिए दो सुरक्षाकर्मी की प्रतिनियुक्ति की जाती है.
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म्यांमार का शरणार्थी अब्दुला दुमका जेल में सजा काटने के बाद 26 फरवरी, 2020 को हजारीबाग जेपी सेंट्रल जेल डिटेंशन सेंटर में शिफ्ट किया गया था. इसकी सजा की अवधि पूरी होने के बाद म्यांमार के दूतावास से संपर्क किया गया, ताकि अब्दुल्ला को उसके घर भेजा जा सके. म्यांमार ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. इसलिए उसे यहां रखा गया था. म्यांमार के अब्दुला जेपी सेंट्रल जेल के डिटेंशन सेंटर से 13 सितंबर की अहले सुबह फरार हो गया है.
ज्ञात हो कि हजारीबाग के खुले जेल (ओपेन जेल) के साथ बने विदेशी नागरिक डिटेंशन सेंटर (नजरबंदी केंद्र) से रविवार को म्यांमार का कैदी खिड़की का ग्रिल काटकर फरार हो गया. उसने डिटेंशन केंद्र की खिड़की काटकर भागने का मार्ग बनाया. उसकी तलाश में पुलिस अनेक स्थानों पर छापेमारी कर रही है. हजारीबाग के उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद ने उम्मीद जतायी कि उसे शीघ्रातिशीघ्र पकड़ लिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस मामले में एक वरिष्ठ मजिस्ट्रेट एवं पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी गयी है.
उपायुक्त ने कहा कि रिपोर्ट आते ही इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उपायुक्त ने बताया कि अब्दुल्ला को विदेशी नागरिक अधिनियम के उल्लंघन के सिलसिले में 10 नवंबर, 2016 को साहिबगंज के बरहड़वा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था. रेलवे मजिस्ट्रेट ने उसे कैद की सजा सुनायी थी. इसके बाद उसे दुमका की जेल में रखा गया, लेकिन वहां से सजा पूरी होने के बाद जब जेल के अधिकारियों ने म्यांमार के दूतावास से उसकी स्वदेश वापसी के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
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इसके बाद से उसे दुमका जेल से यहां स्थित विदेशी नागरिक डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया और वह यहीं बंद था. उन्होंने बताया कि यह डिटेंशन सेंटर हजारीबाग सेंट्रल जेल के अधीन ही काम करता है. इस बीच, हजारीबाग पुलिस ने लोहशिंगना पुलिस थाने में उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर तलाश तेज कर दी है. अब्दुल्ला के बारे में बताया गया है कि वह म्यांमार के बुशीडांग थाना क्षेत्र के मंगरीटांग गांव के अबु सफियान का पुत्र है.
दूसरी ओर, हजारीबाग केंद्रीय कारागार के अधीक्षक ने भी डिटेंशन सेंटर की सुरक्षा में तैनात चार सुरक्षाकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनकी लापरवाही के लिए जवाब तलब किया है. जिला के उपायुक्त ने बताया कि इस विदेशी नागरिक नजरबंद केंद्र पर चार अन्य विदेशी नागरिक भी रखे गये हैं. उनकी सुरक्षा को इस घटना के बाद और सख्त कर दिया गया है.
Posted By : Mithilesh Jha