इस्लामाबाद: पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार संकट में आ गयी है. पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर विचार करने के लिए 25 मार्च को सदन का सत्र बुलाने की रविवार को घोषणा की. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है. सचिवालय ने रविवार को अधिसूचना जारी कर अहम सत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी. विपक्ष ने कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार 21 मार्च तक सत्र बुलाने की मांग की थी.
अधिसूचना के अनुसार, ‘सत्र शुक्रवार को सुबह 11 बजे शुरू होगा और यह मौजूदा नेशनल असेंबली का 41वां सत्र होगा.’ अध्यक्ष ने पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 54 (3) और 254 के तहत प्रदत्त शक्ति के तहत सत्र बुलाया है. विपक्ष का कहना है कि 14 दिनों के भीतर सत्र बुलाया जाना चाहिए, लेकिन गृह मंत्री शेख राशिद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विशेष परिस्थितियों के कारण इसमें देरी हो सकती है.
Also Read: खतरे में इमरान खान की कुर्सी! 28 मार्च के बाद पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन की तैयारी
इस मामले में देरी 22 मार्च से संसद भवन में शुरू हो रहे इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के बहुचर्चित 48वें शिखर सम्मेलन के कारण हुई है. संसद का निचला सदन प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को विचार करेगा. अगर इस प्रस्ताव को सदन औपचारिक रूप से स्वीकार कर लेता है, तो तीन से सात दिनों के बीच मतदान कराया जाना चाहिए.
सरकार और विपक्ष दोनों स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए भरसक कोशिश कर रहे हैं. 69 वर्षीय इमरान खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी दल पाला बदलने का फैसला करते हैं, तो उन्हें पीएम के पद से हटना पड़ सकता है.
Also Read: पाकिस्तान में आजादी मार्चः खतरे में इमरान खान की सत्ता, आज विपक्षी नेता भरेंगे हुंकार
क्रिकेट से राजनीति में आये इमरान खान को हटाने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है. इमरान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है. उनकी पार्टी बहुमत के लिए कम से कम छह राजनीतिक दलों के 23 सदस्यों का समर्थन ले रही है.
Posted By: Mithilesh Jha