Nobel Prize 2022 : स्वीडिश वैज्ञानिक स्वंते पाबो (Svante Paabo) को मेडिसीन के क्षेत्र में विश्व का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गयी है. स्वंते पाबो ने मानवीय शरीर में जीन के प्रवाह को लेकर शोथ किया है.
स्वंते पाबो ने आज के संदर्भ में यह जानने की कोशिश की जीन के प्रवाह की आज के समय में प्रासंगिकता क्या है. इसके लिए उन्होंने यह जानना चाहा कि हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम किसी भी तरह के संक्रमण पर कैसे प्रतिक्रिया देता है.
BREAKING NEWS:
The 2022 #NobelPrize in Physiology or Medicine has been awarded to Svante Pääbo “for his discoveries concerning the genomes of extinct hominins and human evolution.” pic.twitter.com/fGFYYnCO6J— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2022
स्वंते पाबो की पत्नी ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि पाबो को यह सूचना एक कप काॅफी का आनंद लेते हुए मिली. पहले तो वे हैरान रह गये, लेकिन उसके बाद उन्होंने यह खबर मुझसे शेयर की. निएंडरथल के जीनोम का अनुक्रमण, जो वर्तमान मानवों का एक विलुप्त रिश्तेदार है. पाबो ने एक विलुप्त होमिनिन, डेनिसोवा की सनसनीखेज खोज भी की.
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम स्थित करोलिंस्का संस्थान में सोमवार को नोबेल पुरस्कार समिति ने आज पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की. पुरस्कार में एक करोड़ स्वीडिश क्रोनोर (करीब नौ लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जायेगी. यह पुरस्कार नोबेल पुरस्कार विजेताओं को 10 दिसंबर को दिया जायेगा. यह राशि पुरस्कार की स्थापना करने वाले स्वीडन के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबल द्वारा छोड़ी गई वसीयत से दी जाती है.
Also Read: 5G स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे हैं? तो जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान