उत्तर कोरिया ने किया सबसे बड़े इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण

जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है. उसके तटरक्षकों ने समुद्र से गुजरने वाली नौकाओं के लिए चेतावनी जारी कर दी है. यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2022 3:18 PM

सियोल: उत्तर कोरिया ने सबसे बड़े इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण किया है. न्यूज एजेंसी रायटर्स ने यह खबर दी है. वहीं, उत्तर कोरिया के पड़ोसी देशों की सेनाओं का कहना है कि वह जाहिर तौर पर अपनी हथियार प्रणाली की क्षमता बढ़ाना चाहता है. यह सिलसिला उसके सबसे बड़ी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का प्रक्षेपण करने के बाद ही पूरा हो सकता है.

जापान ने कहा- संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल का हुआ प्रक्षेपण

दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने तत्काल यह नहीं बताया कि प्रक्षेपण किसका किया गया या उसने कितनी दूर तक उड़ान भरी. वहीं, जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उत्तर कोरिया ने संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल का प्रक्षेपण किया है. उसके तटरक्षकों ने समुद्र से गुजरने वाली नौकाओं के लिए चेतावनी जारी कर दी है. यह इस साल उत्तर कोरिया का 12वां प्रक्षेपण था.

रविवार को समुद्र में दागे थे दो गोले

गत रविवार को उत्तर कोरिया ने समुद्र में संदिग्ध गोले दागे थे. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया अपने शस्त्रागार को आधुनिक बनाने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रहा है और ठप पड़ी परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के बीच अमेरिका पर रियायतें देने के लिए इसके जरिए दबाव डालना चाहता है.

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कई नयी मिसाइलों का किया परीक्षण

उत्तर कोरिया ने कई प्रकार की नयी मिसाइलों का भी परीक्षण किया है, जिसमें एक कथित हाइपरसोनिक हथियार और एक मध्यम दूरी की मिसाइल शामिल है, जो वर्ष 2017 के बाद से उसका पहला प्रक्षेपण था. यह मिसाइल संभावित रूप से प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख अमेरिकी सैन्य केंद्र गुआम तक पहुंचने की क्षमता रखती है.

उत्तर कोरिया ने दो मध्यम दूरी के परीक्षण किये

उत्तर कोरिया ने हाल के हफ्तों में अपने राजधानी क्षेत्र के पास से दो मध्यम-दूरी के परीक्षण किये हैं. अमेरिका तथा दक्षिण कोरियाई सेनाओं ने बाद में बताया था कि इसमें उत्तर कोरिया के सबसे बड़े आईसीबीएम अर्थात अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र (ह्वासोंग -17) के घटक शामिल थे. उनका कहना है कि जल्द पूरी क्षमता के साथ इसका प्रक्षेपण किया जा सकता है.

उत्तर कोरिया ने दी ये सफाई

उत्तर कोरिया के आधिकारिक मीडिया ने जोर देकर कहा है कि उन दो परीक्षणों का उद्देश्य एक जासूसी उपग्रह के लिए कैमरे और अन्य प्रणाली विकसित करना था. विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं से बचने के लिए अंतरिक्ष प्रक्षेपण के बहाने आईसीबीएम परीक्षण फिर से शुरू करने और कुछ स्तर तक अंतरिक्ष आधारित टोही क्षमता हासिल करने का प्रयास कर रहा है.

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अमेरिका तक उड़ान परीक्षण कर चुका है उत्तर कोरिया

यह प्रक्षेपण संभवतः अप्रैल में देश के संस्थापक एवं वर्तमान नेता किम जोंग-उन के दिवंगत दादा, किम इल-सुंग की जयंती के आसपास किया जा सकता है. उत्तर कोरिया वर्ष 2017 में तीन आईसीबीएम उड़ान परीक्षणों के साथ अमेरिका की सरजमीं तक पहुंचने की क्षमता का प्रदर्शन कर चुका है.

व्हासोंग-17 मिसाइल का मकसद

विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे बड़ी मिसाइल ह्वासोंग-17 विकसित करने का मकसद, उत्तर कोरिया मिसाइल रक्षा प्रणालियों को बढ़ाने के लिए उसे कई हथियारों से लैस करना भी हो सकता है. ह्वासोंग-17 मिसाइल के बारे में सबसे पहले अक्टूबर 2020 में दुनिया को पता चला था. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Posted By: Mithilesh Jha

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