उत्तर कोरिया में तानाशाही की हद, लोगों के हंसने या खुश होने पर प्रतिबंध, जन्मदिन भी नहीं मना सकते लोग
उत्तर कोरिया के पूर्व नेता के निधन के 10 साल पूरे होने पर राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है. जिसे लेकर यहां की जनता पर 11 दिनों तक कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. अधिकारियों ने लोगों के हंसने, खुशी जाहिर करने शराब पीने पर रोक लगाने का सख्त आदेश दिए हैं.
उत्तर कोरिया(North Korea) में लोगों के हंसने और खुश होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इतना ही नहीं रोने तक में कड़ा पहरा लगा हुआ है. दरअसल उत्तर कोरिया इन दिनों अपने पूर्व नेता किम जोंग इल की 10वीं बरसी बना रहा है. पूर्व नेता के निधन के 10 साल पूरे होने पर राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है. जिसे लेकर यहां की जनता पर 11 दिनों तक कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. अधिकारियों ने लोगों के हंसने, खुशी जाहिर करने शराब पीने पर रोक लगाने का सख्त आदेश दिए हैं. इतना ही नहीं पुलिस अधिकारी लोगों पर कड़ा पहरा कर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोग पर्याप्त दुखी है या नहीं.
दरअसल उत्तर कोरिया के क्रूर तानाशाह किम जोंग इल ने उत्तर कोरिया में 1994 से 2011 तक शासन किया था. उनकी निधन 17 दिसंबर 2011 में 69साल की उम्र में हार्ट अटैक से हुआ था. उत्तर कोरिया में हर साल ये 10 दिनों का शोक दिवस मनाया जाता है. हालांकि इस बार उनकी मौत के 10 साल पूरे होने पर यह 11 दिनों का शोक दिवस होगा.
डेलीमेल की रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग इल के बाद उनके तीसरे और सबसे छोटे बेटे किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया में शासन कर रहें है. 10 साल पूरे होने पर 11 दिनों का शोक मनाने के दौरान कई भी हंसकर या शऱाब पीकर भी अपनी खुशी नहीं जता सकता है.वहीं, रेडियो फ्री एशिया से बात करते हुए सिनुइजु शहर के एक निवासी ने बताया कि शोक के दौरान हमारे शराब पीने, हंसने या दूसरी खुशनुमा कार्यक्रमों या गतिविधियों नहीं कर सकते हैं.
दुख पर भी पुलिस का पहरा
वहीं, जानकारी के अनुसार शोक के दौरान लोग के दुखी रहने पर भी कड़ाई से नजर रखी जा रही है. पुलिस अधिकारी लगातार लोगों के दुखी रहने पर नजर बनाए हुए हैं. इस दौरान कोई अपना जन्मदिन भी नहीं मना सकता है. पुलिस हर बार ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि लोग पर्याप्त दुखी हैं या नहीं.
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इतिहास में नियम तोड़ने वाले अब तक नहीं आए नजर
वहीं, खबरों की मानें तो 17 दिसंबर को किम जोंग इल का निधन हुआ है इसलिए खास तौर पर बाजारों में सामानों की खरीदारी की मनाहि होती है. अब तक इतिहास में जो लोग भी इस शोक के दौरान खुशी मनाते पाए गए उन्हें गिरफ्तार किया गया और वैचारिक अपराधी के रुप में सजा दी गई. लेकिन अधिकारियों ने जिन भी लोगों को गिरफ्तार किया वे फिर दोबारा कभी नजर नहीं आए. वहीं, खबरों की माने तो इस दौरान अगर किसी के परिवार में किसी सदस्य का निधन हो गया तो उसे भी तेजी से रोने की इजाजत नहीं है. वे शव को शोक खत्म होने के बाद ही बाहर ले जा सकते हैं.