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उत्तर कोरिया ने बढ़ाई अमेरिका की टेंशन! जासूसी उपग्रह ने ली व्हाइट हाउस की तस्वीरें

उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि उसका ‘मलिगयोंग-1’ उपग्रह एक दिसंबर को अपना काम शुरू कर देगा. इस बीच उत्तर कोरिया के दावे से अमेरिका की टेंशन बढ़ गई है. दावा किया गया है कि जासूसी उपग्रह ने व्हाइट हाउस की तस्वीरें ली है.

उत्तर कोरिया कुछ ना कुछ ऐसी हरकत करता है जिसके कारण वह लाइमलाइट में आ जाता है. इस बार भी उसने कुछ ऐसा किया है जिसकी वजह से वह चर्चा का केंद्र बन गया है. दरअसल, उत्तर कोरिया की ओर से दावा किया गया है कि उसका पहला जासूसी उपग्रह, जिसे इस महीने कक्षा में लॉन्च किया गया था, उसने व्हाइट हाउस के साथ-साथ पेंटागन और आसपास के अमेरिकी नौसैनिक स्टेशनों की तस्वीरें ली हैं. प्रमुख अमेरिकी साइटें उत्तर कोरिया की उस लिस्ट में शामिल हो गई, जिसका दावा वह करता आ रहा है कि उसके द्वारा पिछले सप्ताह अंतरिक्ष में लॉन्च की गई टोही जांच का उपयोग करके तस्वीरें खींची गईं है. राज्य के आधिकारिक मीडिया ने जो बताया है उसके अनुसार, नेता किम जोंग उन ने रोम, गुआम में एंडरसन एयर फोर्स बेस, पर्ल हार्बर और अमेरिकी नौसेना के कार्ल विंसन विमान वाहक की पिछली तस्वीरों के साथ नई तस्वीरों को देखा है.

अमेरिका की बढ़ी टेंशन

इससे पहले जो खबर आई थी उसमें बताया गया था कि दक्षिण कोरिया ने अनुमान व्यक्त किया है कि उत्तर कोरिया ने संभवत: रूस की मदद से टोही उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कराने में सफलता प्राप्त कर ली है. इस साल के शुरू में उत्तर कोरिया ने टोही उपग्रहों के प्ररीक्षण की कोशिश की थी जिसमें वह कामयाब नहीं हो सकता था. ताजा खबर के बाद अमेरिका की टेंशन बढ़ सकती है. उत्तर कोरिया की ओर से पिछले दिनों कहा गया था कि उसने उपग्रह ‘मालिगयोंग-1’ को कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने में सफलता पा ली है. इसके बाद दक्षिण कोरिया ने इस बात की पुष्टि की कि उपग्रह कक्षा में स्थापित हो चुका है.

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उत्तर कोरिया का घमंड बोलता है सिर चढ़कर

उत्तर कोरिया की ओर से कहा गया है कि उसका ‘मलिगयोंग-1’ उपग्रह एक दिसंबर को अपना काम शुरू कर देगा. साथ ही कहा कि उपग्रह ने गुआम में सैन्य प्रतिष्ठानों की तस्वीरें भेजी हैं और किम जोंग उन ने देखा. उल्लेखनीय है कि जब उपग्रह संबंधी दावों की बात आती है तो उत्तर कोरिया को घमंड सिर चढ़कर बोलता है. उत्तर कोरिया का इतिहास कुछ इसी तरह का रहा है. किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल के नेतृत्व में उत्तर कोरिया ने कहा था कि उसने कक्षा में एक उपग्रह स्थापित किया है जो क्रांतिकारी कदम है जिसका लाभ उन्हें मिलेगा. इसके जवाब में वाशिंगटन ने कहा कि जांच संभवतः समुद्र के तल पर होगी.

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