नवंबर में जलवायु शिखर सम्मेलन आखिरी मौका, आईपीसीसी की रिपोर्ट से पहले बोले आलोक शर्मा
Climate Summit|Glasgow Climate Summit|Arun Sharma| जलवायु परिवर्तन पर पकड़ बनाने के लिए यदि तत्काल कदम उठाने पर इस साल सहमति नहीं बनती है, तो दुनिया को जलवायु त्रासदी झेलनी पड़ेगी.
लंदन: नवंबर में ग्लासगो में होने वाले कॉप-26 सम्मेलन (Glasgow Cop26) के प्रभारी ब्रिटिश मंत्री आलोक शर्मा ने रविवार को चेतावनी दी कि इस साल के आखिर में ब्रिटेन की मेजबानी में होने वाली यह बैठक विश्व बिरादरी के लिए जलवायु परिवर्तन पर पकड़ बनाने का अखिरी मौका है. उन्होंने यह बात जलवायु परिवर्तन (Climate Change) पर अंतरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की सोमवार को आने वाली रिपोर्ट से पहले कही है.
नवंबर में ग्लासगो में प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (Glasgow Climate Summit) या कॉप 26 (COP 26) के नामित अध्यक्ष भारतीय मूल के मंत्री आलोक शर्मा (Alok Sharma) ने एक साक्षात्कार में कहा कि यदि तत्काल कदम उठाने पर इस साल सहमति नहीं बनती है, तो दुनिया को जलवायु त्रासदी झेलनी पड़ेगी. उन्होंने हाल के अपने व्यस्ततम यात्रा एजेंडे का बचाव भी किया.
उनके इस एजेंडे की मीडिया ने आलोचना की है, क्योंकि महामारी की दृष्टि से खतरनाक देशों से लौटने के बाद उन्हें बतौर मंत्री स्व-पृथक वास से छूट मिली. श्री शर्मा ने कहा, ‘आप देख रहे हैं कि रोज रोज दुनिया में क्या हो रहा है. पिछला साल सबसे गर्म वर्ष था और पिछला दशक सबसे गर्म दशक था. मैं समझता हूं कि अभी हमारे हाथ से समय निकला नहीं हैं, लेकिन मुझे यह भी पता है कि हम खतरनाक ढंग से उस स्थिति के करीब पहुंचते जा रहे हैं, जब शायद वक्त हमारे साथ से निकल जाये.’
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अपनी यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा कि ग्लासगो वार्ता से पहले वैश्विक सहमति के लिए वह हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में बांग्लादेश एवं बोलीविया जैसे देशों की यात्रा कर चुके शर्मा ने कहा, ‘हर सप्ताह मेरी कई डिजिटल बैठकें होती हैं, लेकिन मैं आपको बताऊं कि किसी मंत्री के साथ निजी बैठक वाकई अहम एवं प्रभावकारी होती है.’
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Posted By: Mithilesh Jha