अब ब्राजील में भी लगेगा कोवैक्सीन, आयात को दी मंजूरी
अब ब्राजील ने इस वैक्सीन को मंजूरी दी है और साथ ही रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का भी आयात कर रही है. भारत से कोवैक्सीन की 41 लाख खुराक यहां जायेगी. इन खुराक का इस्तेमाल होने के बाद ब्राजील एक सर्वे करके देखेगा कि इस वैक्सीन का कितना असर हो रहा है उसके बाद नयी खेप में मात्रा के साथ कोवैक्सीन की दूसरी खेप मंगवा सकता है.
ब्राजील ने भारत की कोरोना वैक्सीन को आयात की मंजूरी दी है. अब ब्राजील में भी भारत की कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा सकेगा. पहले ब्राजील की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी ने इस पर रोक लगा दी थी आयात की मंजूरी पर रोक लगाते हुए कहा, जिस संयंत्र में यह टीका बनाया जा रहा है, वह अच्छे विनिर्माण व्यवहार (जीएमपी) की जरूरतों का पूरा नहीं करता है.
अब ब्राजील ने इस वैक्सीन को मंजूरी दी है और साथ ही रूस की स्पुतनिक वी वैक्सीन का भी आयात कर रही है. भारत से कोवैक्सीन की 41 लाख खुराक यहां जायेगी. इन खुराक का इस्तेमाल होने के बाद ब्राजील एक सर्वे करके देखेगा कि इस वैक्सीन का कितना असर हो रहा है उसके बाद नयी खेप में मात्रा के साथ कोवैक्सीन की दूसरी खेप मंगवा सकता है.
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ब्राजील वैक्सीनेशन में दूसरे कई देशों से आगे है. ब्राजील अपने कई शहरों में 75 फीसद वैक्सीनेशन का टारगेट लेकर चल रहा है. यही कारण है कि वो अपने देश में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन की खपत को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से वैक्सीन के लिए समझैौता कर रहा है. ब्राजील के इस नये प्रयोग की चर्चा दुनिया के दूसरे देशों में भी है. इस नये तरीके से संक्रमण के मामलों मे भी कमी आयी है. भारत की कोवैक्सीन का इस्तेममाल ब्राजील कर रहा है.
ब्राजाली ने वैक्सीनेशन को लेकर यह शोध साओ पोलो राज्य में की. सबसे पहले शहर को चार भागों में बाट दिया गया. शहर की 75 फीसद आबादी यानि तीन भागों में लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी गयी 18 साल से ज्यादा उम्र के इन इलाको में 95 फीसद लोगों को वैक्सीन दिया गया. इसके बाद शहर में संक्रमण के मामलों में गिरावट दर्ज की गयी.