पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का नया संक्रमण ओमिक्रॉन तेजी से पैर पसार रहा है. पहले ब्रिटेन फिर अमेरिका में इस वेरिएंट से एक एक मौत हो चुकी है. इसके अलावा दुनिया के कई देशों में यह फैल चुका है. भारत में भी नये वेरिएंट के 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में ब्रिटेन में हुए एक शोध दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है. यूके में इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट किसी भी लिहाज से डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक नहीं है.
ब्रिटेन में किये गये अध्ययन के अनुसार, इस बारे में कोई सबूत नहीं है कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम भयावह है. अध्ययन में पाया गया कि ओमिक्रोन पिछले संक्रमण या टीके की दोनों खुराकों से मिली प्रतिरक्षा को बड़े पैमाने पर चकमा देता है. गौरतलब है कि इससे पहले के अध्ययनों में कहा जा रहा था कि नया ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट से कम खतरनाक है.
डरा रहे हैं ब्रिटेन में आ रहे आंकड़े: ब्रिटेन में कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रोन के ताजा मामले अब डराने लगे हैं. ब्रिटेन में एक दिन में 12,133 ओमिक्रॉन के नये मामले सामने आये हैं. ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देश में कड़ी पाबंदियों पर विचार किया जा रहा है. ब्रिटेन में अब तक ओमिक्रोन के 37101 मामले आये हैं. वहीं, इस वैरिएंट से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
इस्राइल ने ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए अमेरिका, कनाडा और जर्मनी समेत 10 देशों की यात्रा पर सोमवार को प्रतिबंध लगा दिया. देश में ओमिक्रोन के 175 मामले आ चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए इस्राइली मंत्रियों ने अमेरिका, इटली, बेल्जियम, जर्मनी, हंगरी, मोरक्को, पुर्तगाल, कनाडा, स्विट्जरलैंड और तुर्की को ‘नो-फ्लाइ’ सूची में रखने की मंजूरी दे दी है.
इधर, एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कोरोना के नये वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा देने के लिए टीकों में बदलाव किया जा सकता है. डॉ गुलेरिया ने कहा कि हालांकि ओमिक्रोन वैरिएंट एक हल्की बीमारी लगती है. जहां तक टीके का सवाल है, तो हमारे पास सुरक्षा होनी चाहिए. मौजूदा टीके प्रभावी हैं, लेकिन नये वैरिएंट के साथ उनकी प्रतिरक्षा में कमी आयेगी.
Posted by: Pritish Sahay