हफ्ते में तीन घंटे ही बच्चे खेल सकेंगे ऑनलाइन गेम, जानिए टेक कंपनियों पर चीन क्यों कस रहा है नकेल

चीन में बच्चे अब हफ्ते में सिर्फ तीन घंटे ही ऑनलाइन गेम खेल सकेंगे. चीन सरकार के इस फैसले से उसकी गेमिंग कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. न्यूयॉर्क एक्सचेंज में प्री-मार्केट ट्रेडिंग के दौरान नेटईज के शेयर 9.3% तक फिसल गये.

By Prabhat Khabar News Desk | August 31, 2021 9:46 AM
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Online Game: चीन में बच्चे अब हफ्ते में सिर्फ तीन घंटे ही ऑनलाइन गेम खेल सकेंगे. इस कदम के साथ ही चीन ने जाहिर कर दिया है कि वह अपनी बड़ी टेक कंपनियों पर नकेल कसने की कार्रवाई जारी रखेगा. टेन्सेंट होल्डिंग लिमिटेड से लेकर नेटईज इंक जैसे गेमिंग प्लेटफॉर्म अब नाबालिगों को शुक्रवार, शनिवार और रविवार को रात आठ से नौ बजे तक ही गेम खेलने की सुविधा प्रदान कर पायेंगे. सार्वजनिक छुट्टियों के दिन भी इतनी ही छूट मिलेगी.

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने यह खबर नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन प्रशासन के नोटिस के हवाले से दी है. ऑनलाइन गेम पर इससे पहले पाबंदी 2019 में लायी गयी थी, जिसके तहत हर दिन डेढ़ घंटे ऑनलाइन गेम खेलने की छूट नाबालिगों को मिलती थी.

हांगकांग की गेमिग कंपनी यूओबी ने इसे जरूरत से ज्यादा सख्त बताया है. चीन की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी टेन्सेंट का दावा है कि उसके कुल कारोबार में नाबालिगों का हिस्सा काफी काम है. गेमिंग से होनेवाली आमदनी में नाबालिगों का हिस्सा महज तीन फीसदी है.

खास बातें:-

  • 2019 में पहली बार चीन ने गेम्स पर लगायी थी पाबंदी

  • ऑनलाइन गेम खेलने वाले नाबालिगों की संख्या को सीमित करना चााहता है चीन

  • सरकार के नये नियमों का उद्देश्य है बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है.

चीन की गेमिंग कंपनियों को भारी नुकसान, 9.3% गिरे शेयर

चीन सरकार के ताजा फैसले से उसकी गेमिंग कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है. न्यूयॉर्क एक्सचेंज में प्री-मार्केट ट्रेडिंग के दौरान नेटईज के शेयर 9.3% तक फिसल गये. वहीं टेन्सेंट के सबसी बड़ी शेयरधारक कंपनी प्रोसस एनवी के शेयरों की यूरोप में पिटाई हुई.

सभी ऑनलाइन गेम सरकारी प्रणाली से जुड़े होने जरूरी

चीन सरकार के नियमों के मुताबिक, सभी ऑनलाइन गेम सरकार की एंटी-एडिक्शन (लत निरोधक) प्रणाली से जुड़े होने चाहिए. कंपनियां यूजर का असली नाम रजिस्टर किये बिना उन्हें सेवा नहीं दे सकतीं. सरकारी नियामक इस पर नजर रखेंगे कि पाबंदी का समुचित पालन हो रहा है या नहीं. गेमिंग की लत छुड़ाने के लिए नियामक बच्चों के माता-पिता, स्कूल और समाज के दूसरे लोगों के साथ मिल कर काम करेंगे.

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Posted by: Pritish Sahay

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