तालिबान पर पूछे गए सवाल को टाल गए इमरान खान, भारत के साथ दोस्ती में दरार के लिए RSS को ठहराया जिम्मेदार
ताशकंद में मध्य-दक्षिण एशियाई सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से समाचार एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर ने सवाल पूछा कि 'क्या बातचीत और आतंकवाद एक साथ चल सकते हैं?' यह भारत की तरफ से आपसे सीधा सवाल है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं भारत को बता सकता हूं कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं कि हम सभ्य पड़ोसियों की तरह रहें, लेकिन हम क्या कर सकते हैं. आरएसएस की विचारधारा आड़े आ गई है."
ताशकंद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान शुक्रवार को अफगानिस्तान में तालिबानी कार्रवाइयों में पाकिस्तान की भूमिका पर किए गए सवाल का जवाब देने से परहेज किया. यह बात दीगर है कि सीमा पार से आतंकवाद के समर्थन पर चिंताओं के बीच भारत के साथ रुकी हुई वार्ता और भारत के साथ दोस्ती में दरार के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया.
ताशकंद में मध्य-दक्षिण एशियाई सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से समाचार एजेंसी एएनआई के रिपोर्टर ने सवाल पूछा कि ‘क्या बातचीत और आतंकवाद एक साथ चल सकते हैं?’ यह भारत की तरफ से आपसे सीधा सवाल है. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “मैं भारत को बता सकता हूं कि हम लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं कि हम सभ्य पड़ोसियों की तरह रहें, लेकिन हम क्या कर सकते हैं. आरएसएस की विचारधारा आड़े आ गई है.”
Imran Khan evades question on Taliban, blames 'RSS ideology' for stalled talks with India
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— ANI Digital (@ani_digital) July 16, 2021
इसके बाद जब रिपोर्टर ने तालिबान को लेकर सवाल किया, तो इमरान को जवाब देते नहीं बना और वह तुरंत वहां से चले गए. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. रिपोर्टर ने खान से दोबारा सवाल पूछा, “क्या तालिबान आपके नियंत्रण में नहीं है… आपके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं.”
भारत ने बार-बार पाकिस्तान को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से संचालित आतंकवादी नेटवर्क और छद्मयुद्ध के खिलाफ विश्वसनीयता, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने के लिए कहा है. उसने कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती. भारत ने यह भी कहा है कि वह पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध चाहता है और यह इस्लामाबाद के लिए विश्वसनीय, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्रवाई करने सहित उपायों के माध्यम से एक अनुकूल माहौल बनाने के लिए अपने नियंत्रण में किसी भी क्षेत्र को सीमा पार से आतंकवाद के इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा था.
पाकिस्तान में पनाह लेने वाले आतंकी समूहों की ओर से वर्ष 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत ठप हो गई है. बता दें कि अफगानिस्तान के प्रथम उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने शुक्रवार को पाकिस्तान को उसकी धरती पर तालिबान की मौजूदगी से इनकार करने पर फटकार लगाई थी.
Posted by : Vishwat Sen