पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने रिटायरमेंट से पहले पाक की पोल खोलकर रख दी. उन्होंने राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को स्वीकार कर लिया. उन्होंने पाकिस्तान की टूट पर बड़ा बयान दिया. मालूम हो बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. उन्हें 2016 में तीन साल के लिए सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था. 2019 में उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दिया गया था.
बाजवा ने राजनीति में सेना के हस्तक्षेप को स्वीकारा
अपने विदाई भाषण में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने स्वीकार कर लिया कि राजनीति में सेना का हस्तक्षेप रहा है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सेना ने राजनीति में हस्तक्षेप को बंद करने का फैसला किया है. रक्षा और शहीद दिवस समारोह में बाजवा ने कहा, दुनियाभर में शायद ही सेनाओं की कभी आलोचना की जाती है, लेकिन हमारी सेना की अक्सर आलोचना होती रही है. उन्होंने कहा, मुझे लगता है, इसका कारण है सेना का राजनीति में हस्तक्षेप. इसलिए सेना ने राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है.
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Pakistan Army Chief admits military involvement in politics
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— ANI Digital (@ani_digital) November 23, 2022
पिछली सरकार को गिराने में विदेशी साजिश को बाजवा ने किया खारिज
बाजवा ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि पिछली सरकार को गिराने में विदेशी साजिश थी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर ऐसी साजिश होती भी तो सेना इसे अंजाम तक नहीं पहुंचने देती. उन्होंने कहा, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई विदेशी साजिश नहीं थी, अगर ऐसी साजिश होती भी तो सेना इसे अंजाम तक पहुंचने नहीं देती. उन्होंने कहा कि सेना की छवि खराब करने के लिए झूठी और मनगढ़ंत कहानियां गढ़ी गईं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद खान ने आरोप लगाया था कि रूस, चीन और अफगानिस्तान को लेकर उनकी स्वतंत्र विदेश नीति के कारण उन्हें निशाना बनाते हुए अमेरिका की अगुवाई में साजिश रची गई थी.