इस्लामाबाद : पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में संयुक्त विपक्ष की ओर से पेश अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले मतदान से बचने के लिए इमरान खान चाहे लाख पैंतरा भांज लें, लेकिन उनकी कुर्सी का बचना मुश्किल है. पाकिस्तानी मीडिया की मानें तो ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक के बाद उन्हें हर हाल में इस्तीफा देना ही होगा. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि पिछले दिनों कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान ने पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात की थी, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली, उल्टे उन्हें इस्तीफा देने का फरमानी फर्रा जरूर मिल गया है. इतना ही नहीं, पाकिस्तान में नए पीएम की तलाश भी शुरू हो गई है.
पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों की मानें, तो इमरान खान को प्रधानमंत्री की कुर्सी उतार देने का फैसला वहां की सेना ने लिया है. यह फैसला सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा समेत तीन अन्य लेफ्टिनेंट जनरलों ने ली है. इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के अलावा लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम पीएम इमरान खान से भी मिले थे. मीडिया की खबरों के अनुसार, टॉप क्लास के चारों सैन्य अधिकारियों ने इमरान खान को कोई और मौका नहीं देने का फैसला सुना दिया है.
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इतना ही नहीं, कुर्सी बचाने के लिए इमरान खान के सारे तोड़-तिकड़म फेल हो चुके हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी को उम्मीद थी कि पूर्व आर्मी चीफ राहिल शरीफ उनके लिए तुरुप का पत्ता साबित होंगे, लेकिन उनका यह आखिरी दांव भी फेल हो गया. इमरान की सिफारिश करने के लिए खुद राहिल शरीफ ने जनरल बाजवा से मुलाकात की थी, लेकिन जनरल बाजवा ने उन्हें भी दो टूक सुना दी. इसके बाद पिछले शुक्रवार को इमरान खान भी बाजवा से मिले. तब कहा गया था कि मीटिंग में पाकिस्तान में होने वाली ओआईसी की बैठक, बलूचिस्तान संकट के साथ-साथ इमरान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर भी बात हुई थी, लेकिन इन मुद्दों की आड़ में दरअसल वह अपनी कुर्सी बचाने गए थे.
आपको बताते चलें कि पाकिस्तानी सेना इमरान खान से काफी खफा है. उसकी नाराजगी के कई कारण बताए जा रहे हैं. इसमें पहला कारण यह है कि पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान को हिदायत दी थी कि वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं करेंगे. इसके बावजूद, वे नहीं मानें और विपक्ष के तीन नेता मौलाना फजलुर रहमान, आसिफ अली जरदारी और शेहबाज शरीफ के लिए अपमानजनक शब्द कहे. अपने खिलाफ नेशनल असेंबली में पेश अविश्वास प्रस्ताव के दौरान उन्होंने मौलाना फजलुर रहमान को ‘डीजल’, आसिफ अली जरदारी ‘डाकू’ और शेहबाज शरीफ ‘शो बाज’ कह डाला. उनके इस आरोप से जनरल बाजवा खासे नाराज बताए जा रहे हैं. इसके साथ पाकिस्तानी सेना इस बात से भी भड़की है कि इमरान ने यूक्रेन संकट के लिए बेवजह ही अमेरिका और यूरोपीय संघ पर टिप्पणी कर दी.