इस्लामाबाद: इमरान खान का सत्ता से बेदखल होना लगभग तय हो गया है. पाकिस्तान की सेना (Pakistan Army) ने भी उनसे कुर्सी छोड़ने के लिए कह दिया है. पाकिस्तान की सेना ने इमरान खान (Imran Khan) को दो टूक कह दिया है कि इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के सम्मेलन के बाद वह प्रधानमंत्री का पद छोड़ दें. इमरान को समर्थन दे रहे 24 सांसद पहले ही उनसे किनारा कर चुके हैं. अब सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा (Qamar Javed Bajwa) ने भी इमरान को अकेले छोड़ दिया है.
इसके बाद से कहा जा रहा है कि पाकिस्तान (Pakistan) में प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. पाकिस्तान की चरमरायी अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के लिए इमरान खान की नीति को जिम्मेदार माना जा रहा है. इसलिए उनके खिलाफ लोगों के साथ-साथ उन्हें समर्थन दे रहे दलों का गुस्सा भी चरम पर है. पाकिस्तान की सेना ने भी उनसे किनारा कर लिया है. ऊपर से विपक्षी दलों ने उन पर हमला बोल दिया.
OIC के सम्मेलन के बाद पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव आयेगा. इमरान के अपनों ने भी उनसे किनारा कर लिया है. विपक्ष एकजुट हो गया है. इसलिए माना जा रहा है कि OIC की बैठक के बाद इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रह जायेंगे (Imran Khan Resignation). उन्हें इस्तीफा देना ही पड़ेगा. ज्ञात हो कि 22 और 23 मार्च को पाकिस्तान में इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक (OIC Summit) होनी है.
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विपक्षी दलों ने पहले ही चेतावनी दे रखी है कि अगर इमरान खान ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं दिया, तो वे लोग पाकिस्तान में शांति से OIC की मीटिंग नहीं होने देंगे. धरना-प्रदर्शन करेंगे. हालांकि, इमरान खान की कैबिनेट के एक बड़बोले नेता ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो को चेतावनी दी कि अगर किसी ने ओआईसी की बैठक को बाधित करने की कोशिश की, तो उसकी चीखें आसमान में सुनाई देंगी.
इमरान खान के खिलाफ बागी तेवर अपने वाले सांसदों ने स्पीकर पर प्रधानमंत्री के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है. कहा है कि संवैधानिक तौर पर 21 मार्च को संसद का सत्र बुलाया जाना अनिवार्य है. स्पीकर संसद बुलाने में देरी कर रहे हैं, क्योंकि इस दौरान इमरान खान सांसदों को मना सकें. उनके साथ डील कर सकें. हालांकि, स्पीकर का कहना है कि ओआईसी के शिखर सम्मेलन की वजह से 25 मार्च को संसद की बैठक बुलायी गयी है.
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नेशनल असेंबली के स्पीकर ने कहा कि OIC के शिखर सम्मेलन के लिए नेशनल असेंबली से ज्यादा महफूज कोई और जगह नहीं है. इसलिए संसद का सत्र 25 मार्च को बुलाया गया है. साथ ही कहा कि इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती. बता दें कि विपक्षी दलों के सांसद 21 मार्च को ही अविश्वास प्रस्ताव लाने पर अड़े हुए थे.
Posted By: Mithilesh Jha