नयी दिल्ली : मनी लांड्रिंग और आतंकी वित्तीय पोषण की निगरानी करनेवाली वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) से पाकिस्तान को राहत नहीं मिली है. पाकिस्तान मीडिया ने कहा है कि पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है.
Pakistan remains in Financial Action Task Force (FATF) grey list: Pakistan media
— ANI (@ANI) June 25, 2021
Pakistan is still failing to effectively implement the global FATF standards across a number of areas which means risk of money laundering remain high which in turn can fuel corruption and organised crime: Marcus Pleyer, President, Financial Action Task Force (FATF)
— ANI (@ANI) June 25, 2021
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने कहा है कि पाकिस्तान लगातार निगरानी में है. इसने कार्य योजना पर 27 में से 26 मदों को बड़े पैमाने पर संबोधित किया है. हालांकि, एक प्रमुख कार्रवाई आइटम को अब भी पूरा करने की जरूरत है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी समूहों के वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की जांच और अभियोजन से संबंधित है.
मार्कस प्लेयर ने कहा है कि पाकिस्तान अब भी कई क्षेत्रों में वैश्विक एफएटीएफ मानकों को प्रभावी ढंग से लागू करने में विफल रहा है. इसका अर्थ है कि मनी लॉन्ड्रिंग का जोखिम अधिक है, जो बदले में भ्रष्टाचार और संगठित अपराध को बढ़ावा दे सकता है.
मालूम हो कि एफएटीएफ के समूह में भारत के अलावा चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं. एफएटीएफ ने शुक्रवार को एक बार फिर पाकिस्तान को और छह माह के लिए एक बार फिर ग्रे लिस्ट में रखने का औपचारिक ऐलान किया. पाकिस्तान सरकार मुताबिक, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से देश को प्रतिवर्ष करीब 10 बिलियन डॉलर का नुकसान है.
मालूम हो कि साल 2018 के जून में पहली बार पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला गया था. इसके बाद एफएटीएफ के रिव्यू में पाकिस्तान को कोई राहत नहीं मिली थी. पाकिस्तान ने एफएटीएफ की सिफारिशों पर काम करने में विफल रहा है. मालूम हो कि पाकिस्तान पर आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद किये जाने का आरोप है.