पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में बहुपक्षवाद पर एक उच्चस्तरीय सत्र के दौरान शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया. साथ ही उसने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में विस्तार का भी विरोध किया. हाल ही में कोविड-19 से उबरे पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने संबोधन के दौरान यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद की पूरी अवधारणा वर्चस्ववाद, जबरदस्ती और मनमाने ढंग से बल प्रयोग के कारण खत्म हो गई है.
कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे जुल्म और ज्यादतियों को लेकर चिंतित है. उन्होंने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में विस्तार का भी विरोध किया. उल्लेखनीय है कि भारत सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का प्रबल दावेदार है और वह बार-बार इस विश्व निकाय में सुधार तथा विस्तार की पैरवी करता रहा है.
ऐसा पहली बार नहीं है कि पाकिस्तान ने अतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर का मुद्दा उठाया हो. पिछले साल भी पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर का मुद्दा अलाप चुके हैं. वो इस मंच पर परमाणु युद्ध की धमकियां भी दे डाली थी. बार बार बर्जर बजाकर रोके जाने के बावजूद इमरान खान आधे घंटे से ज्यादा समय तक बोलते रहे थे. भारत का हमेशा से ही मानना है कि स्थायी शांति को केवल बहुपक्षीय माध्यम से ही हासिल किया जा सकता है
posted by : sameer oraon