Pakistan Economic Crisis: आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की तरफ से फिलहाल कर्ज नहीं मिल रहा है. ऐसे में शहबाज शरीफ की सरकार ने पाकिस्तान की जनता पर भारी कर लगाने की तैयारी कर ली है. दरअसल, गुरुवार को बेलआउट पैकेज के लिए हुई मीटिंग बिना किसी नतीजे पर पहुंचे ही खत्म हो गई. इस मीटिंग के बाद आईएमएफ की तरफ से एक बयान भी जारी किया गया है.
IMF की तरफ से पाकिस्तान को फिलहाल कोई कर्ज नहीं मिलने की खबर के बीच देश के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि संगठन के साथ वार्ता सकारात्मक मोड़ पर खत्म हुई है. इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को 7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को पूरा करने के लिए आईएमएफ से नियमों और शर्तों पर एक ज्ञापन मिला है. बता दें कि दस दिन की बातचीत के बाद गुरुवार की रात पाकिस्तान से आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के रवाना होने के बाद डार का ये बयान आया है. इशाक डार ने कहा कि कार्यक्रम की 9वीं समीक्षा पर वर्चुअल चर्चा जारी रहेगी. इसके साथ ही पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने एलान किया कि सरकार की तरफ से 170 अरब डॉलर के टैक्स भी लगाए जाएंगे. ये नए टैक्स मिनी बजट के जरिए पेश किए जाएंगे. इसका मकसद बेलआउट पैकेज को फिर से जिंदा करना है.
हालांकि, पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि करों का सीधा बोझ आम आदमी पर न पड़े. कर लगाने के लिए, सरकार उस समय की स्थिति के आधार पर एक वित्त विधेयक या अध्यादेश लाएगी. बताते चलें कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है. ऐसे में आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय पाकिस्तान को वित्तीय मदद और आईएमएफ से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है. पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच राहत पैकेज के लिए कर्मचारी स्तर पर कोई सहमति नहीं बन पाने की खबर भी सामने आई थी. हालांकि, डार ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हमने जोर दिया कि फंड प्रतिनिधिमंडल हमें जाने से पहले एमईएफपी दें, ताकि हम इसे सप्ताहांत में देख सकें. उन्होंने कहा कि सरकार और आईएमएफ अधिकारी सोमवार को इस संबंध में एक वर्चुअल बैठक करेंगे.