Pakistan Oil Crisis: आर्थिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान में इन दिनों ईंधन की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान में ईंधन की बढ़ी हुई कीमतों के बीच पेट्रोल पंपों पर ईंधन की आपूर्ति बंद करने को लेकर लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया. बताया जा रहा है कि पेट्रोल पंपों पर लोगों को करीब एक घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पेशावर में ड्राइवरों ने कहा कि शहर के अधिकांश पेट्रोल पंप बंद हैं. हालांकि, पाकिस्तान स्टेट ऑयल के स्वामित्व वालेफिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल की बिक्री जारी है. इसके कारण, इन्हीं पेट्रोल पंपों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी जा रही है. डॉन अखबार के साथ बातचीत में एक बाइक सवार ने बताया कि जीटी रोड पेट्रोल पंप पर तेल भराने के लिए मुझे लगभग आधे घंटे तक इंतजार करना पड़ा. कहा कि फकीराबाद इलाके में एक फिलिंग स्टेशन पर करीब 50 मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं, पेट्रोल की कमी के कारण मनसेहरा जिले में बड़े पैमाने पर पेट्रोल पंप बंद होने की खबर है.
इधर, खैबर पख्तूनख्वा सीएनजी प्रशासन ने घरेलू उपभोक्ताओं को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 31 दिसंबर को प्रांतीय राजधानी में सभी सीएनजी स्टेशनों को एक महीने के लिए बंद कर दिया था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरहद पेट्रोलियम और कार्टेज डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दावा किया कि सीएनजी स्टेशन एक महीने से बंद हैं, इसलिए पेट्रोल की मांग में वृद्धि हुई है. क्योंकि, पहले वे सभी सीएनजी का इस्तेमाल करते थे. कहा कि तेल कंपनियों ने प्रांत को आपूर्ति कम कर दी है, जिससे कई फिलिंग स्टेशन बंद हो गए हैं.
वहीं, पाकिस्तान के कई शहरों के कुछ प्रमुख इलाकों में खाना बनाने के लिए भी गैस की किल्लत हो गई हैं. सरकार ने अपनी गैस लोड प्रबंधन योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को सर्दियों में खाना पकाने के समय, सुबह 6 बजे से 9 बजे तक तीन घंटे, दोपहर 12 बजे से दोपहर दो बजे तक दो घंटे और शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक तीन घंटे गैस आपूर्ति का वादा किया था. हालांकि, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.
भारी आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान सरकार के सभी विभागों के कर्मचारियों के वेतन में दस प्रतिशत कटौती करने समेत कई प्रस्तावों पर विचार कर रही है. बुधवार को जारी एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने के बाद हाल के वर्षों में पाकिस्तान सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है. जियो न्यूज के मुताबिक, पीएम शहबाज शरीफ द्वारा गठित राष्ट्रीय मितव्ययिता समिति सभी विभागों के सरकारी कर्मचारियों के वेतन में 10 प्रतिशत की कमी करने समेत विभिन्न प्रस्तावों पर विचार कर रही है.